उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जिसमें बार काउंसिल का स्वयं का भवन होगा. उत्तराखंड बार काउंसिल ने अधिवक्ताओं को कई सौगातें दी हैं. आइए जानते हैं इनमें क्या है खास
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गणेश रायल/देहरादून: नए अधिवक्ताओं को तीन साल तक भत्ता सहित अधिवक्ता की आकस्मिक मृत्यु पर दी जाने वाली राशि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख की जा रही है. बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड प्रदेश में वकालत की पढ़ाई करने के बाद प्रेक्टिस करने वाले नए अधिवक्ताओं को तीन सात तक निर्धारित भत्ता देगी. काउंसिल ने अधिवक्ता के आकस्मिक निधन तथा गंभीर बीमारी की स्थिति में दी जाने वाली राशि को भी बढ़ाने का निर्णय लिया है. अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम 1974 के तहत अधिवक्ता की आकस्मिक मृत्यु पर दी जाने वाली राशि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख की जा रही है. साथ ही 45 साल प्रेक्टिस करने वाले अधिवक्ता को लाइसेंस सरेंडर करने पर मासिक पेंशन का लाभ भी दिया जाएगा.
उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन मनमोहन लांबा ने बताया कि उन्होंने अधिवक्ताओं के साथ मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है. देश के 21 राज्यों में स्टेट बार काउंसिल गठित हैं. लेकिन अभी तक किसी की स्टेट काउंसिल के पास अपना भवन नहीं है. उन्होंने कहा कि वकीलों को भी जजों की तरह अच्छे वातावरण और सुविधाओं की जरूरत है ताकि अच्छे निर्णय हो सकें. इसको देखते हुए काउंसिल का खुद का भवन होगा. उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में गोलापार में बार काउंसिल भवन के लिए करीब 2.80 करोड़ रुपये की लागत से भूमि खरीद ली गई है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी भवन निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दी गई है, यह राशि जल्द ही काउंसिल को मिल जाएगी. इसके बाद जनवरी माह में काउंसिल के नए भवन के निर्माण की बुनियाद रखी जाएगी.
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चेयरमैन एमएम लांबा के मुताबिक बार काउंसिल की बिल्डिंग पांच फ्लोर की होगी. इसमें वकीलों के चेंबर से लेकर ठहरने की फाइव स्टार सुविधा होगी. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड बार काउंसिल में रजिस्टर्ड वकीलों की संख्या लगभग 22 हजार है. ऐसे में काउंसिल को अपने भवन की जरूरत पड़ रही है. बार काउंसिल के चेयरमैन एमएम लांबा ने कहा कि गढ़वाल मंडल के लिए उच्च न्यायालय की एक बेंच ऋषिकेश में खोलने का भी प्रस्ताव है, जिसके लिए काउंसिल की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं.