Navratri 4th Day 2022: कुष्मांडा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना.... माना जाता है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है...
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Navratri 4th Day 2022: पूरे देश में नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है. नवरात्रि के नौ दिनों को बहुत ही पावन और शुभ माना जाता है.इसी क्रम में चौथे दिन आदिशक्ति के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां कुष्मांडा देवी ने सृष्टि की रचना की थी. यह दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप देवी कूष्मांडा को समर्पित होता है. अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा मां कुष्ठमांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था.
इसलिए कहते हैं कुष्मांडा
धर्म शास्त्रों के अनुसार, अपनी मंद मुस्कुराहट और अपने उदर से ब्रह्मांड को जन्म देने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है.मां कूष्मांडा को तेज की देवी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मांड के सभी प्राणियों में जो तेज हैं, वह मां कूष्मांडा की देन है.
नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त
04:37 AM से 05:25 AM
अभिजित मुहूर्त
11:47 AM से 12:35 PM
विजय मुहूर्त
02:11 PM से 02:58 PM
गोधूलि मुहूर्त
05:58 PM से 06:22 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग
05:13 AM, सितम्बर 30 से 06:13 AM, 30 सितम्बर
मंत्र
'ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं कुष्मांडा नम:
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम
लगाएं दही-हलवा का भोग
मां कूष्मांडा को दही और हलवा बहुत प्रिय है. जो भक्त मां की इन चीजों के साथ आराधना करते हैं. उन पर मां सदा अपनी कृपा बनाए रखती हैं.
ऐसा है मां का स्वरूप
मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं. इसलिए मां को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है. इनके 7 हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है. मां के आठवें हाथ में जपमाला है. मां कुष्मांडा सिंह की सवारी करती हैं.
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ऐसे करें पूजा
दुर्गा पूजा के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए. सबसे पहले सभी कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करें. इसके बाद मां कुष्मांडा की पूजा करें. इसके बाद हाथों में फूल लेकर मां को प्रणाम कर इस मंत्र का ध्यान करें.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
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