UP News: नज्जू गुज्जर जिसका नाम सुनते ही आस पास के इलाकों में सन्नाटा छा जाता था. वो नज्जू गुज्जर अपने किए हुए गुनाहों की सजा काटकर 23 साल बाद जेल से बाहर आया है. सज्जू डकैत को देखने के लिए लोगों को हुजूम जुट गया.
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शिव कुमार /शाहजहांपुर: नज्जू गुज्जर जिसका नाम सुनते ही आस पास के इलाकों में सन्नाटा छा जाता था. वो नज्जू गुज्जर अपने किये हुए गुनाहों की सजा काटकर 23 साल बाद जेल से बाहर आया है. सज्जू डकैत को देखने के लिए लोगों को हुजूम जुट गया. इतना ही नही भाजपा के विधायक ने खुद नज्जू डकैत का भव्य स्वागत कर उसके साथ मंच साझा किया. जेल से छुटने के बाद कुख्यात डकैत नज्जू शाहजहांपुर पहुंचा और 101 किलो का घंटा मंदिर में चढ़ाया. आपको बता दें कि नज्जू गुज्जर कल्लू डकैत का ख़ास साथी रहा है.
भाजपा विधायक ने किया स्वागत
22 साल जेल में अपने गुनाहों की सजा काटने के बाद नज्जू डकैत बाहर आया. नज्जू गुज्जर का स्वागत बीजेपी विधायक वीर विक्रम सिंह ने भव्य तरीके से किया. इतना ही नहीं बीजेपी विधायक वीर विक्रम सिंह ने डकैत नज्जू गुज्जर के साथ मंच भी साझा किया. जेल से छूटने के बाद नज्जू डकैत थाना परौर पहुंचा था. इस दौरान नज्जू डकैत ने ब्रह्म देव मंदिर में 101 किलो का घंटा चढ़ाया.
गुनाहों की काटी सजा
कल्लू डकैत का खास साथी रहे नज़्जू गुज्जर पर हत्या, लूट, डकैती और अपहरण के दर्जनों मुकदमें दर्ज थे. नज्जू गुज्जर करीब 22 साल से बरेली जेल में बंद था. जेल में सजा पूरी होने के बाद कुख्यात डकैत नज्जू शाहजहांपुर पहुंचने पर लोगों के लिए सेलिब्रिटी बन गया. यहां पहुंचकर डकैत नज्जू ने मंदिर में बीजेपी विधायक के साथ 101 किलो का घंटा चढ़ाया. इतना ही नहीं बीजेपी विधायक वीर विक्रम सिंह ने नज्जू डकैत का स्वागत करके मंच भी साझा किया. इस दौरान डकैत नज्जू को देखने के लिए सैकड़ो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
90 के दशक में था आतंक
नज्जू गुज्जर का नब्बे के दशक में खासा आतंक था. शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद और बदायूं में 90 के दशक के दौरान कल्लू और नज्जू डकैत आतंक का पर्याय बने हुए थे. दोनों डकैतों ने मिलकर दर्जनों पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों की हत्या की थी. इसके अलावा डकैतो का गिरोह लोगों का अपहरण करके फिरौती वसूलने का काम करता था. नज्जू ने कासगंज में मरुधर एक्सप्रेस में भी डकैती डाली थी इसके अलावा 2 फौजियों की भी हत्या की थी. कल्लू पर शाहजहांपुर, बदायूं और फर्रुखाबाद में लूट, हत्या, डकैती और अपहरण के दर्जनों मुकदमे दर्ज थे. कल्लू डकैत के 2003 में एनकाउंटर में मारे जाने के बाद नज्जू ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
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