Moradabad: पिता के मर्डर के बाद बेटी ने ठाना, UPPCS मे 62वीं रैंक हासिल कर बनी डिप्टी एसपी
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Moradabad: पिता के मर्डर के बाद बेटी ने ठाना, UPPCS मे 62वीं रैंक हासिल कर बनी डिप्टी एसपी

Moradabad: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 7 अप्रैल शुक्रवार को रिजल्ट घोषित कर दिया. इसमें मुरादाबाद की आयुषी 62 वीं रैंक हासिल कर डिप्टी एसपी बन गईं हैं.

Moradabad: पिता के मर्डर के बाद बेटी ने ठाना, UPPCS मे 62वीं रैंक हासिल कर बनी डिप्टी एसपी

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 7 अप्रैल शुक्रवार को रिजल्ट घोषित कर दिया. इसमें मुरादाबाद की आयुषी ने 62 वीं रैंक हासिल की है. उनका डिप्टी एसपी पद के लिए चयन हुआ है. यूपीपीसीएस में डिप्टी एसपी के पद पर चयन होने के बाद आज शाम आयुषी मुरादाबाद अपने घर पहुंची, तो परिवार और रिश्तेदारों ने उनको फूल माला पहनाकर ढ़ोल ढागों के साथ उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान आयुषी ने बताया कि एडमिनिस्ट्रेशन के कहीं ना कहीं फाल्ट की वजह से उनके पिता का मर्डर हुआ. उन्होंने तभी सोच लिया था कि उन्हें अधिकारी बनना है और चीजों को सुधारना है. आइए बताते हैं पूरा मामला.

चयन होने के बाद मुरादाबाद पहुंची आयुषी ने जी मीडिया से बातचीत की. उन्होंने बताया कि जब उनके पिता की मृत्यु हुई थी, तब उन्होंने सोच लिया था की अब उन्हें भी अधिकारी बनना है, क्योंकि एडमिनिस्ट्रेशन के कहीं ना कहीं फाल्ट की वजह से उनके पिता की मृत्यु हुई है. उन्होंने बताया कि पिता की मृत्यु के समय, वो 11वीं क्लास मे थी, लेकिन 5 साल पहले सुमित जो उनके पिता का हत्यारा है, वो जेल से भाग गया. वह अभी तक फरार है. इस ड़र के साये में बाहर रहकर उन्होने अपनी पढ़ाई पूरी की. आज वो बहुत ख़ुश हैं कि उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा किया, जिसमें उनके परिवार ने बहुत साथ दिया है.

मीडिया से बात करते हुए आयुषी सिंह ने बताया की उनका UPPCS 2022 मे 62 रैंक के साथ डिप्टी एसपी के पद पर चयन हुआ है. इसका सबसे श्रेय वह अपनी फैमिली को देती है. उन्होंने कहा कि परिवार ने इतना सपोर्ट किया. मम्मी ने मुझे मोरली और मेंटली हर तरिके से बहुत सपोर्ट किया. मेरे भाई और अर्जुन भईया ने बहुत सपोर्ट किया. उन्होने मेरी मेंस की जर्नी में बहुत सपोर्ट किया उनका बहुत बड़ा योगदान है.

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि कितने साल की मेहनत के बाद ये मुकाम मिला, तो उन्होंने बताया कि 2 साल से वह इस एग्जाम के लिए प्रिपेयर कर रही थीं. साल 2019 में उन्होंने ग्रेजुएशन किया. इसके बाद डियू में मास्टर में एनरोल हुई और साल 2021 मे मेरा मास्टर्स किया. इसी बीच उन्होंने यूजीसी नेट पॉलिटिकल साइंस में क्वालीफाई किया. फिर साल 2022 में फाइनली उन्होंने अपना गोल अचीव किया.

तनाव के माहौल में ठाना, मुझे करना तो है
जब आयुषी से सवाल किया गया कि तनाव का माहौल था, पिता की मृत्यु हो गई थी, तो कैसे दिमाग में आया कि कोई ड़र दिमाग में रहा. इसको लेकर आयुषी ने कहा कि फैमिली ने बहुत कठिनाइ देखी है. साल 2015 मे उन्होंने पापा को खोया था. इसके बाद फैमिली में काफी इश्यूज रहे. कोर्ट केस समेत कई चीजें चलती रहीं. इसी बीच 5 साल हो गए, सुमित जो जेल से भाग गया, वह इसमें मुख्य आरोपी है. उसको अभी तक पकड़ा भी नहीं गया है. ऐसे में एक ड़र का माहौल घर में बना रहता था, चिंता रहती थी की घरवाले सेफ हैं की नहीं. हम लोग बाहर और पढ़ते थे, तो इन सब चीजों की हमने बहुत प्रॉब्लम फेस किया है, लेकिन फैमिली ने बहुत सपोर्ट किया है. हमें घर की परेशानियों से दूर रखा, ताकि हम अच्छे से पढ़ सकें.

पिता की मृत्यु के बाद कितना संघर्ष रहा
पिता की मृत्यु के बाद संघर्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि संघर्ष तो बहुत था, क्योंकि घर की बहुत ज़्यादा टेंशन थी. किस तरह से सब परिवार वाले मैनेज करेंगे. कैसे होगा, लेकिन ये भी मन में था कि जिस एडमिनिस्ट्रेशन के फाल्ट की वजह से ये सब चीजे हुईं हैं, कहीं न कहीं मुझे उन सब चीजों को जाकर सुधारना भी है.

जानिए कब ठाना बनना है अधिकारी
पिता की मृत्यु के बाद सोच लिया था की मुझे अब एडमिनिस्ट्रेशन मे आना ही है, मेरे पापा हमेशा से कहते थे मेरी बेटी अधिकारी बने उनके फ्रेंडस सब मुझे कॉल करके बोलते थे की बेटा भईया की इच्छा है की आप अधिकारी बनो तो उन सब चीजों ने मुझे बहुत मोटीवेट किया की उनके सपनो को पूरा कर पाउँ और आज कई हद तक मे इसमें कामयाब हुई हूं.

जानिए क्या है आयुषी का फ्यूचर प्लान
आयुषी ने कहा, ''आगे मेने सोचा है की यूपीएससी की तैयारी अपनी लगातार करूंगी. अभी मेरा डिस्पी एसपी के लिए चयन हुआ है. आगे अभी ट्रेनिंग में मेरा 4 से 5 महीने का टाइम मिलेगा. इस बीच मैं आईएएस के लिए यूपीएससी की तैयारी करूंगी. 

ऐसी घटना के बाद भी नहीं डगमगाए कदम 
आयुषी ने बताया कि उस समय वह क्लास 11वीं में थीं, उसके अगले दिन मेरा फाइनल एग्जाम था, तो मैंने वो एग्जाम नहीं दिया था. मेरे फाइनल्स ही चल रहे थे, तो मैंने जैसे-तैसे उन्होंने 11वीं पास किया था, फिर क्लास 12वीं में उनके 92% स्कोर किया, क्योंकि परिवार ने हमें मोरली और मेन्टली बहुत सपोर्ट किया. हर तरिके से परेशानियों मे हमारे साथ खड़े रहे, तो ड़र तो लगता था. कभी-कभी हिम्मत भी हारते थे कि पता नहीं कैसे सब चीजों को मैनेज करेंगे, लेकिन भगवान की कृपा से आज हम यहां तक पहुंच गए, जो हमारे लिए बहुत बड़ी चीज है.

पेशी के दौरान पिता की कचहरी में हुई थी हत्या 
आपको बता दें कि आयुषी के पिता मुरादाबाद के डिलारी ब्लॉक के पूर्व प्रमुख रहे. उनका नाम योगेंद्र सिंह उर्फ़ भूरा था. उनका साल 2015 में एक मुकदमे मे जेल से कोर्ट लाने के दौरान कचहरी में उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया. आयुषी के चयन के बाद उनकी मां ने कहा कि उन्होंने अपने पापा का नाम रोशन किया है. वहीं, पति की मौत के बाद से कठिनाईयां तो बहुत थी जिसको वह बयां नहीं कर सकती. 

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