Keshari Nath Tripathi Profile: ऐसा कहा जाता है कि कल्याण सिंह सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाते अगर तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी उनकी मदद नहीं करते...त्रिपाठी ने बीएसपी से अलग हुए विधायकों को निर्दलीय उम्मीदवार का...
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Keshari Nath Tripathi Profile: यूपी विधानसभा के पूर्व स्पीकर और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी का रविवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया है. आज वो हमारे बीच नहीं हैं पर राजनीति में उनके योगदान को भूला नहीं जा सकता. एक ऐसा समय भी आया था जब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार कुछ वोटों की वजह से गिर गई थी. उस समय बीजेपी नेता केशरीनाथ ने उनको इस संकट से निकाला था. आइए जानते हैं उनसे जुड़ा ये रोचक किस्सा.
रातों-रात कल्याण सरकार हुई थी बर्खास्त
कल्याण सिंह को उस समय बड़ा झटका लगा जब बीएसपी से आए विधायकों के सपोर्ट को गवर्नर रोमेश भंडारी ने मान्यता देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने रातों-रात कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया. उन्होंने जगदंबिका पाल को सीएम पद की शपथ दिलवा दी. इसके बाद कल्याण सिंह ने नियुक्ति को हाई कोर्ट में चुनौती दी. 23 फ़रवरी को हाईकोर्ट ने जगदम्बिका पाल की मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्ति को अवैध करार दे दिया गया.
बीजेपी के संकटमोचक बने थे केशरीनाथ त्रिपाठी
केशरीनाथ त्रिपाठी को भाजपा बीजेपी का संकटमोचक भी माना जाता है.उन्होंने यूपी के कल्याण सिंह सरकार को उस समय उबारा था जब महज छह वोटों की वजह से उनकी सरकार गिर गई थी.
देश के इतिहास में यूपी का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल बना
दरअसल, 21-22 फरवरी 1998 को दल-बदल की वजह से बहुमत साबित करने के दौरान यूपी विधानसभा में जमकर मारपीट हुई. इसे देखते हुए तत्कालीन गवर्नर रोमेश भंडारी ने केंद्र सरकार से यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी. लेकिन, केंद्र ने राष्ट्रपति शासन लगाने से इंकार कर दिया. कल्याण सिंह ने तब बाहर से आए विधायकों को मंत्री बना देश के इतिहास में यूपी का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल बना दिया. इस मंत्रिमंडल में 93 मंत्री रखे गए थे. जब ये सब घटनाक्रम हुआ तो दूसरे राजनीतिक दल नाराज हो गए और सभी ने कल्याण सरकार का तख्ता पलट करने की योजना बना ली.
कल्याण सिंह को सदन बहुमत साबित करने का आदेश
हाईकोर्ट ने 26 फ़रवरी तक कल्याण सिंह को सदन बहुमत साबित करने का आदेश भी दिया. एक बार फिर कल्याण सिंह ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया. 406 सदस्यों वाली विधानसभा में कल्याण सिंह को 225 वोट मिले जबकि पाल को 196 वोट मिले. उसके बाद में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे मान्यता दे दी थी.
केशरीनाथ त्रिपाठी ने की थी कल्याण की मदद
सियासत में ये कहा जाता है कि कल्याण सिंह सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाते अगर तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केशरीनाथ त्रिपाठी उनकी मदद नहीं करते. त्रिपाठी ने बीएसपी से अलग हुए विधायकों को निर्दलीय उम्मीदवार का दर्जा दिया और उनके खिलाफ दाखिल सदस्यता रद्द करने की याचिका भी ख़ारिज कर दी गई थी.
जानें कौन हैं केशरीनाथ त्रिपाठी?
केशरीनाथ त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (Prayagraj) में 10 नवंबर 1934 को हुआ था. पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े हुए थे. वह बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रहने के साथ ही विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके थे. केशरीनाथ त्रिपाठी ने 2014 से 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की जिम्मेदारी भी निभाई. इसके साथ ही उनके पास बिहार, मिजोरम और मेघालय के राज्यपाल का भी प्रभार था.
लेखक और कवि भी थे केशरीनाथ
के एन त्रिपाठी कवि और लेखक भी थे. उन्हें लेखनी के लिए भारत गौरव, विश्व भारती, साहित्य वाचस्पति, वागीश्वरी और काव्य-कौस्तुभ से सम्मानित भी किया जा चुका है. उनकी कविता संग्रह मनोनुकृति, उन्मुक्त, आयुपंख और शून्य भी काफी सराहा गया.
श्री राम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा थे केशरीनाथ त्रिपाठी
केशरीनाथ त्रिपाठी इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट और संविधान विशेषज्ञ थे. जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे. पश्चिम बंगाल का गवर्नर रहते हुए उनके पास बिहार और त्रिपुरा का अतिरिक्त प्रभार भी था. उन्होंने 2004 में जौनपुर सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था. वह बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रह चुके थे. जानकारी के मुताबिक, त्रिपाठी श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में भी शामिल हुए. इसके लिए उन्हें 1990 में कई दिनों तक जेल में रहना पड़ा था. सिविल, संवैधानिक एवं चुनाव कानून विशेषज्ञ के नाते उनका राजनीति में विशेष दखल रहा.
रविवार सुबह करीब 5 बजे उन्होंने प्रयागराज स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. बीजेपी नेता लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके बेटे नीरज त्रिपाठी ने इस बात की जानकारी दी है. आज शाम को रसूलाबाद घाट पर केशरीनाथ त्रिपाठी का अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके निधन पर सीएम योगी ने शोक जताया है.