Holi 2023 Special: बाराबंकी में बने मिट्टी के बर्तन विदेशों में बिकेंगे, होली के पहले कुम्हारों को मिली बड़ी सौगात
Advertisement

Holi 2023 Special: बाराबंकी में बने मिट्टी के बर्तन विदेशों में बिकेंगे, होली के पहले कुम्हारों को मिली बड़ी सौगात

होली आने वाली है. इस बार घर पर कोशिश करें कि प्लास्टिक की जगह मिट्टी के खिलौने घर लाएं. किसी समय मिट्टी के बने बर्तन हमारी लाइफ का अहम हिस्सा होते थे. धीरे-धीरे कुम्हारों द्वारा चलाई जाने वाली ये कला खोने लगी. लेकिन अब योगी सरकार के प्रयासों से मिट्टी के बने बर्तन और खिलौनों को देश ही नहीं विदेशों में बाजार मिल रहा है.

Holi 2023 Special: बाराबंकी में बने मिट्टी के बर्तन विदेशों में बिकेंगे, होली के पहले कुम्हारों को मिली बड़ी सौगात

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वोकल फॉर लोकल की अपील पर बाराबंकी में एक बड़ी पहल हुई है. यूपी की योगी सरकार के माटीकला बोर्ड ने बाराबंकी जिले को मिट्टी से बने बर्तन और खिलौने के उत्पादन के लिए चयनित किया है. इसके लिए यहां प्रदेश का पहला कॉमन फैसलिटी सेंटर शुरू किया गया है. यह सेंटर मिट्टी के उत्पाद बनाने में युवाओं और कुम्हारों को मदद कर रहा है. इस कला से जुड़े लोगों के प्रॉडक्ट भी समिति खरीदती है. इसके अलावा यहां के उत्पादों को ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन शॉपिग के जरिए इंटरनेशनल मार्केट से जोड़ दिया गया है.

इससे आसपास के जिलों के साथ ही मिट्टी के बर्तन, खिलौने और सजावटी सामानों को देश और विदेश में भी बेचा जा रहा है. सरकार की पहल पर शुरू हुए इस सेंटर में स्थानीय पुरुषों के साथ ही महिलाओं को भी घर में ही रोजगार मिल गया है. बकायदा युवाओं को ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जाती है.  यानी त्योहारों तक सीमित कुम्हारी कला से जुड़े लोगों को यह समिति उनके शहर में ही वर्ष भर रोजगार दिलाने का काम कर रही है, जिससे यह सभी काफी खुश भी हैं. 

यह भी पढ़ें: Ramayana Conclave: रामचरित मानस विवाद के बीच झांसी में रामायण कॉन्क्लेव, बुंदेली में बताया जा रहा ताड़ने का मतलब

ऑनलाइन खरीदने और बेचने की सुविधा
चरन सिंह ने बताया कि मिट्टी के अधिक बर्तन बनने पर पॉलीथिन का प्रयोग बंद होगा. जिससे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा. वहीं बाराबंकी की सीडीओ एकता सिंह ने बताया कि अब यहां के उत्पादों की ऑनलाइन भी बिक्री हो रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा डिमांड आए और लोगों को रोजगार मिले. सीडीओ एकता सिंह का कहना है कि अब मिट्टी से जुड़े बर्तन और सामान बनाने का काम कुम्हारों तक सीमित नहीं रह गया है. इसमें बड़ी संख्या में युवा आगे आ रहे हैं. हमारा प्रयास है कि ऐसे युवाओं को ट्रेनिंग देकर हम रोजगार के नये मौके मुहैया कराएं.

दरअसल होली हो या दीपावली देश में खिलौने और बर्तन की मांग हमेशा रहती है. लेकिन मिट्टी के बर्तन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने की वजह से लोगों को मजबूरी में प्लास्टिक के खिलौने और बर्तन खरीदना पड़ता है. बाराबंकी में इस पहल से उम्मीद है कि कुम्हारों और युवाओं को जहां रोजगार का नया जरिया मिलेगा वहीं ग्राहकों को बढ़िया वस्तुएं.

WATCH: टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी एन टाटा का जन्म हुआ, जानें 3 मार्च को इतिहास में क्या-क्या हुआ

Trending news