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आशीष द्विवेदी/हरदोई: यूपी के हरदोई में कुछ गांवों में मक्खियों का आतंक चरम पर है, जिसके कारण लोगों के वैवाहिक जीवन में भी दरार आ रही है, तो कुछ के रिश्ते न जुड़ पाने की बात भी सामने आयी है. कई गांवों की करीब 5000 से अधिक की आबादी मक्खियों से बेहद परेशान है. लोगों का खाना-पीना,नहाना धोना यहां तक कि रात में सोना भी दुश्वार हो गया है. मक्खियां यहां के लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी हैं.
बीते 11 दिन से अधिक समय से यहां के एक गांव में ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हैं. हालात यहां तक हो चुके हैं गांव में लड़कों के शादी के रिश्ते तक आना बंद जैसे हो चुके हैं. कुछ की पत्नियां मक्खियों से परेशान होकर अपनी ससुराल छोड़कर मायके चली गई हैं. मक्खियों का यह आतंक एक पोल्ट्री फार्म की वजह से है, जिसके चलते कुछ गांव को मक्खियों की मुसीबत से जूझना पड़ रहा है.
मामला हरदोई के अहिरोरी विकासखंड से जुड़ा हुआ है, यहां पर कुइया ग्राम सभा में वर्ष 2014 में भारत सरकार की वित्त पोषित कुक्कुट योजना के अंतर्गत सांगवान पोल्ट्री फार्म की स्थापना हुई थी. जिसने 2017 से विधिवत उत्पादन शुरू कर दिया वर्तमान समय में यहां पर प्रतिदिन डेढ़ लाख मुर्गी के अंडों का उत्पादन होता है. जैसे-जैसे पोल्ट्री फार्म की उत्पादन क्षमता बढ़ी ग्रामीणों की समस्या बढ़ती चली गई.
पोल्ट्री फार्म से तीन सौ मीटर दूर बढ़ईनपुरवा गांव के ग्रामीण मक्खियों से बुरी तरह परेशान हैं. गांव के रहने वाले श्रवण कुमार वर्मा के नेतृत्व में यहां दस दिन से गांव में ग्रामीण टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं. श्रवण के मुताबिक पिछले साल गांव में सात शादियां हुई थी, जिनमें 4 लड़कियों की शादी जबकि 3 लड़कों की शादी हुई थी. इस बार के शादी के सीजन में गांव में कोई भी शादी अभी तक नहीं हुई है और ना ही किसी की शादी को लेकर बात चल रही है. उनके मुताबिक मक्खियों के प्रकोप के चलते कोई भी यहाँ अपनी बेटी की शादी करने को तैयार नहीं होता है.
श्रवण कुमार वर्मा के मुताबिक इलाके के बढ़ईनपुरवा गांव , डही ,झाला पुरवा नया गांव , देवरिया और एकघरा गांव में मक्खियों का आतंक कुछ अधिक ही है, सबसे अधिक मक्खियों के आतंक का शिकार बढ़ईनपुरवा गांव है. यहां पर मक्खियों का आतंक इतना है कि गांव में लोग अपनी लड़कियों की शादी करने को तैयार नहीं है. श्रवण कुमार वर्मा के मुताबिक गांव के रहने वाले शारदा की पत्नी मक्खियों से परेशान होकर अपने ससुराल से मायके चली गई और अब वह इन मक्खियों की वजह से अपने ससुराल लौटना नहीं चाहती हैं, जिससे दोनों का रिश्ता टूटने के कगार पर है.
यहीं पर ही रहने वाले मुंगालाल की पत्नी शिवानी भी मक्खियों से परेशान होकर गांव में रहने को तैयार नहीं है शिवानी के मुताबिक गांव में मक्खियों का प्रकोप इतना है कि जीना हराम है ऐसे में वह गांव छोड़कर पति के साथ कहीं भी रहने को तैयार नहीं है। श्रवण कुमार वर्मा के मुताबिक गांव के रहने वाले आजाद और विजय की पत्नियां भी मायके जाने के बाद से दोबारा आने को तैयार नहीं है।गांव के रहने वाले शीलू की पत्नी भी जब से मायके गई है तब से लौटकर गांव में नहीं आई है.
पोल्ट्री फार्म की वजह से गांव के अगल-बगल मक्खियों का इस कदर राज है कि ग्रामीण पिछले 1 साल में इन मक्खियों से निजात दिलाने के लिए कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. ऐसे में गांव के लोग पिछले 11 दिन से गांव के अंदर ही टेंट लगाकर लगातार अपना धरना प्रदर्शन करके विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों के धरना प्रदर्शन को किसान यूनियन के दशहरी गुट का भी समर्थन प्राप्त है, जिसके पदाधिकारी ग्रामीणों के साथ बैठकर धरना प्रदर्शन में शामिल है.
इस बारे में पोल्ट्री फ़ार्म के मालिक दलवीर सिंह का कहना है कि जब उन्होंने पोल्ट्री फ़ार्म की स्थापना की थी तो प्रदूषण विभाग से एनओसी ली गयी थी और आबादी से दूर इस पोल्ट्री फ़ार्म का निर्माण किया गया था. बाद में कुछ लोगों ने पोल्ट्री फार्म के पास सड़क पर घर बना लिए उन्होंने बताया कि मक्खियों के लिए अपने पोल्ट्री फ़ार्म में उन्होंने कंट्रोल करने की पूरी व्यवस्था की हुई है और इसको लेकर कई बार जांच भी हुई है लेकिन कोई कमी नहीं पायी गयी. जो रिश्ते टूटने की बात है उसकी और कोई दूसरी वजह है मक्खियों को लेकर रिश्ते टूटने की वजह नहीं है, यह सब बातें बढ़ा चढ़कर बताई जा रही हैं.
वहीं, कुक्कुट योजना के तहह पशु पालन विभाग द्वारा वित्त पोषित इस पोल्ट्री फ़ार्म की वजह से ग्रामीणों के रिश्ते टूटने की बात को लेकर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ चंद्रवीर सिंह ने बताया कि आबादी से पांच सौ मीटर इस पोल्ट्री फ़ार्म की स्थापना की गयी थी, प्रदूषण विभाग ने तभी इसे एनओसी जारी की थी. उन्होंने बताया कि पोल्ट्री फ़ार्म की वजह से अगल बगल के इलाको में मक्खिया बढ़ी हैं लेकिन कई गांव में मक्खियां होने की बात सही नहीं नहीं है.
पोल्ट्री फ़ार्म के बनने के बाद कुछ लोगो ने उससे कुछ दूर अपने मकान बनाये हैं, जिनमें यह समस्या अधिक है. उन्होंने बताया पोल्ट्री फ़ार्म के लोगों को समय समय पर मक्खियों के कंट्रोल के निर्देश दिए जाते हैं. इसके अलावा पशु पालन विभाग के अधिकारी भी चेक करते रहते हैं लेकिन अगर प्रदूषण से जुडी या मक्खी की कोई समस्या है तो इसके लिए प्रदूषण विभाग को देखना चाहिए.