Bijnor News: इस मामले मे दलित समाज के लोग खुलकर सामने आ गए हैं. दलितों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर एसडीएम को एक ज्ञापन दिया है जिसमें उनका कहना है कि दलित समाज के कलवा सिंह की जमीन पर अम्बेडकर पार्क और पुस्तकालय बनाया जाये.
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राजवीर चौधरी /बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. यहां के दलित की जमीन को शहर के एक उद्योगपति और वकील ने मिलकर फर्जी तरीके से वसीयत करा ली. प्रशासन को इसकी कानों कान खबर तक नहीं लगी. जब करोड़ों की जमीन की श्रेणी बदलने की प्रक्रिया हुई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसके बाद एसडीएम सदर के आदेश पर जांच हुई तो उद्योगपति पंकज और वकील अवधेश का फर्जीवाड़ा सामने आ गया. राजस्व विभाग ने उद्योगपति और वकील के खिलाफ थाना शहर कोतवाली में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है.
बिजनौर के राजस्व विभाग ने एक ऐसा फर्जीवाड़ा उजागर किया है, जिसमें जिले के नामचीन वरिष्ठ वकील अवधेश कुमार और चांदपुर के प्रसिद्ध उद्योग पति पंकज चौधरी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है. दरअसल आज से ठीक 6 साल पहले थाना शहर कोतवाली इलाके के रहने वाले दलित कलवा सिंह की करोड़ों की लगभग 6 बीघा जमीन पर वरिष्ठ वकील अवधेश और उद्योगपति पंकज चौधरी की निगाह पड़ गई.इसके बाद दोनों मिलकर दलित की करोड़ों की जमीन को हासिल करने के लिए प्लान बनाने लगें. इसके लिए वकील अवधेश ने 27 अप्रैल 2016 को दलित कलवा सिंह से सारी जमीन की वसीयत फर्जी तरीके से अपने नाम करा ली. इस वसीयत में गवाह उद्योगपति पंकज और विवेक को बनाया गया.
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कलवा सिंह की जाति को भी नहीं किया उजागर
इतना ही नहीं वसीयत मे कलवा सिंह की जाति को भी नहीं उजागर किया गया, जबकि नियमों के मुताबिक किसी भी दलित की जमीन की वसीयत तभी हों सकती है जब जिले के डीएम से अनुमति मिल जाए, लेकिन इस मामले में जाति को छुपाकर पूरा खेल खेला गया. इतना ही नहीं वसीयत मे कलवा सिंह के बच्चे और पत्नी का होना भी छुपाया गया.इतना ही नहीं उक्त जमीन का दाखिल खारिज करने के दौरान भी तत्कालीन लेखपाल और तहसीलदार ने भी नियमों को ताक पर रखकर 9 जुलाई 2020 को दाखिल खारिज कर दिया.
ऐसे खुल गई पोल
जमीन का दाखिल खारिज दलित कलवा सिंह की मौत होने के बाद किया गया और कलवा सिंह के मृत्यु प्रमाण पत्र में मां, पत्नी और आधार नंबर का कालम खाली रखा गया.करोड़ों की इस जमीन के फर्जीवाड़े का पता भी नहीं चलता अगर वकील अवधेश उक्त जमीन की श्रेणी बदले जाने की अपील नहीं किया होता.शहर के नजदीक खेती की जमीन पर प्लाटिंग करने के लिए उक्त जमीन की श्रेणी बदली जानी जरूरी थी तो वकील अवधेश कुमार ने न्यायिक तहसीलदार कमलेश कुमार की अदालत मे जमीन की श्रेणी बदले जाने की अपील दायर की तो न्यायिक तहसीलदार ने फर्जीवाड़ा पकड़ लिया और तत्कालीन तहसीलदार प्रीति सिंह द्वारा 9 जुलाई 2020 को किए गए दाखिल खारिज को अवैध मानते हुए उसे निरस्त कर दिया.
भूमि पर डीएम का होगा हक
संबंधित तत्कालीन लेखपाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए. राजस्व विभाग ने उक्त करोड़ों की जमीन को जिला अधिकारी से अटैच कर दी है. अब उक्त करोड़ों की भूमि पर डीएम का हक होगा. राजस्व विभाग ने फर्जीवाड़ा करने वाले वकील अवधेश कुमार, गवाह पंकज चौधरी और दूसरे गवाह विवेक के खिलाफ धोखाधड़ी करने और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की साजिश रचने की धाराओं मे थाना शहर कोतवाली मे मुकदमा दर्ज कराया है.
दलित समाज ने की ये मांग
उधर इस मामले मे दलित समाज के लोग खुलकर सामने आ गए हैं. दलितों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर एसडीएम को एक ज्ञापन दिया है जिसमें उनका कहना है कि दलित समाज के कलवा सिंह की जमीन पर अम्बेडकर पार्क और पुस्तकालय बनाया जाये, ताकि ये जमीन सभी के काम आ जाये और फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ शख्त कार्रवाई करवे की मांग की है.
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