Uttarakhand News: सीएम धामी से सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने बैठक की. इस दौरान प्रदेश में फिल्म निर्माण, गीत संगीत नाट्य संस्कृति एवं साहित्य की अलग-अलग विधाओं को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा हुई.
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कुलदीप नेगी/देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को देवभूमि के साथ संस्कृति साहित्य एवं कला की भूमि बताते हुए राज्य में इन विधाओं को विस्तार दिये जाने पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म सिटी खोलने के विचार को भी आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होंने राज्य में साहित्य एवं ललित कला केंद्रों की संभावनाओं पर ध्यान देने को कहा है. ताकि राज्य के युवाओं को फिल्मों के साथ ही साहित्य एवं लोक संस्कृति एवं लोक कला की विभिन्न विधाओं से जुड़ने का अवसर मिल सके. बता दें कि सीएम धामी से सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने बैठक की.
आपको बता दें कि इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारे युवा सकारात्मक सोच के साथ राज्य की लोक परम्पराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें, यही हमारा प्रयास होना चाहिए. दरअसल, मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रशून जोशी ने भेंट की. इस दौरान प्रदेश में फिल्म निर्माण, गीत संगीत नाट्य संस्कृति एवं साहित्य की अलग-अलग विधाओं को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा हुई.
उत्तराखण्ड प्राकृतिक सौन्दर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राज्य
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक सौन्दर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राज्य है. हमारे युवा हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं के संवाहक बने, इस दिशा में भी प्रयास की उन्होंने जरूरत बताया.
निर्माणाधीन कल्चरल सेंटर और म्यूजियम को जल्द अंतिम रूप देने का निर्देश
इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि निर्माणाधीन कल्चरल सेंटर और म्यूजियम को जल्द अंतिम रूप देने के अलावा प्रभावी उपयोग की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे आयोजनों पर भी ध्यान दिया जाए, जिससे देश और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की पहचान बन सके. सीएम ने कहा कि हमारे यहां आने वाले करोड़ो लोग भी हमारे प्रयासों से जुड़ सकेंगे.
आपको बता दें कि केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के साथ सांस्कृतिक पहचान की संभावनाओं वाला प्रदेश है. भविष्य के दृष्टिगत यहा फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना पर ध्यान दिए जाने से राज्य के युवा फिल्म निर्माण की विभिन्न विधाओं से जुड़ सकेंगे. इस क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से भी परिचित हो सकेंगे.
उन्होंने राज्य में लोक सस्कृति संगीत नाट्य एवं साहित्य से जुड़े विषयों को व्यापकता प्रदान करने के लिये तीन दिवसीय फेस्टिवल आयोजित करने का भी सुझाव मुख्यमंत्री को दिया. उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश व विदेशो में रह रहे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भागीदारी कर सकते है, इससे और अधिक व्यापकता मिलेगी और लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने में भी मदद मिलेगी.
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