छात्र संसद: वंशवाद और यूनिफॉर्म सिविल कोड की गूंज, यूपी-उत्तराखंड के नेताओं ने युवाओं को दिया 'नेतागिरी' का मंत्र
Advertisement

छात्र संसद: वंशवाद और यूनिफॉर्म सिविल कोड की गूंज, यूपी-उत्तराखंड के नेताओं ने युवाओं को दिया 'नेतागिरी' का मंत्र

अब तक आपने लोकसभा और राज्यसभा के रूप में संसद चलते हुए देखा होगा, लेकिन देश में एक संसद ऐसी भी आयोजित की जाती है जो कि पूरी तरह छात्रों द्वारा संचालित की जाती है. भारतीय छात्र संसद के रूप में लगने वाली युवाओं की इस संसद में देशभर के युवा अपनी बात बेबाकी से न सिर्फ रखते हैं बल्कि नेताओं से सीधा संवाद करते हैं. आइए जानते हैं 12वीं भारतीय छात्र संसद में यूपी और उत्तराखंड के नेताओं ने कैसे युवाओं को दिया 'नेतागिरी' का मंत्र

छात्र संसद: वंशवाद और यूनिफॉर्म सिविल कोड की गूंज, यूपी-उत्तराखंड के नेताओं ने युवाओं को दिया 'नेतागिरी' का मंत्र

कुलदीप नेगी/देहरादून: भारतीय छात्र संसद के 12वें संस्करण के दौरान युवाओं की राजनीति में सहभागिता के अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड, राजनीतिक वंशवाद और जेंडर समानता समेत अनेक मुद्दों पर मंथन किया गया. इस दौरान उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के कई मंत्रियों ने छात्र संसद को संबोधित करते हुए युवाओं से राजनीति में आने का आह्वान किया. पुणे में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी और केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित भारतीय छात्र संसद के अंतिम दिन शनिवार को यूनिफार्म सिविल कोड का मुद्दा छाया रहा. उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी ने भारतीय छात्र संसद में इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान-निर्माताओं ने समान नागरिक संहिता का वचन दिया था. इसका पालन करना ही चाहिए. 

fallback

युवाओं की बढ़े राजनीतिक सहभागिता
इससे पहले भारतीय छात्र संसद को संबोधित करते हुए केंद्रीय विधि न्याय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से देश में युवा नेतृत्व की भावना मजबूत होगी. छात्रों में राजनीतिक सहभागिता बढ़ेगी जिससे देश की संसद को बेहतर नेतृत्व मिलेगा. बघेल ने कहा कि लोकभाषा, लोक संस्कृति, लोक व्यवहार से ही लोकतंत्र मजबूर होगा. वंशवाद-राजनीतिक दलों का अनकहा सच विषय पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नौजवान हवाओं का रुख बदलने वाली पीढ़ी होती है. जिंदगी में किसी भी क्षण कोई बुरा विचार मन में आए तो उसे तुरंत कुचल देना चाहिए.

याद दिलाई लक्ष्मण रेखा
भारतीय छात्र संसद को संबोधित करते हुए यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के लिए एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए लेकिन वर्चस्व दिखाने के लिए इस मर्यादा को लांघा जा रहा है. महाना ने बताया कि समाज और युवाओं का दृश्टिकोण बदलने में छात्र संसद जैसी मुहिम कारगर साबित होगी. भारतीय छात्र संसद के दौरान उत्तर प्रदेश के मछलीशहर विधानसभा से विधायक रागिनी सोनकर को आदर्श युवा विधायक अवार्ड से सम्मानित किया गया. इस मौके पर विधायक सोनकर ने बताया कि दशकों से राजनीति बदल रही है और इसमें युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. लेकिन अब समतामूलक समाज के निर्माण में युवाओं की ऐसी भूमिका होनी चाहिए जिससे देश की आवाज विश्व के कोने-कोने पर जाए. 

इकोनॉमी से इकोलॉजी की यात्रा जरूरी
प्रख्यात पर्यावरणविद एवं पद्मभूषण से सम्मानित अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि देश को इकोनॉमी के साथ इकोलॉजी की ओर आगे बढ़ाना होगा.अर्थिक विकास के साथ-साथ जल, जंगल, जमीन की समृद्धि पर भी बात होनी चाहिए. जोशी ने बताया कि अब समय आ गया है कि हम प्रकृति के पांच तत्वों के महत्व को समझें और प्रकृति की रक्षा करें. 

चलाया जाएगा हस्ताक्षर अभियान
भारतीय छात्र संसद के संयोजक राहुल कराड ने इस मौके पर कहा कि इंडिया की जगह अब भारत शब्द को अधिकृत किया जाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने युवाओं द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाए जाने की बात कही है. 15 से 17 सितंबर तक अयोजित भारतीय छात्र संसद के 12वें संस्करण में देशभर से 10 हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया.

Trending news