नेहा राज का नया छठ गीत 'उगिहे सुरुजदेव केरवा के पात' हुआ रिलीज, माही की सादगी पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
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नेहा राज का नया छठ गीत 'उगिहे सुरुजदेव केरवा के पात' हुआ रिलीज, माही की सादगी पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

भोजपुरी छठ गीत 'उगिहे सुरुजदेव केरवा के पात' रिलीज किया है. इस छठ गीत में एक बार फिर से भोजपुरी अभिनेत्री माही श्रीवास्तव ने अपनी सादगी से सभी का मन जीत लिया है.

नेहा राज का नया छठ गीत 'उगिहे सुरुजदेव केरवा के पात' हुआ रिलीज, माही की सादगी पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

Bhojpuri ChhatH Geet: छठ का पावन पर्व शुरू हो चुका है, जिसको लेकर लगातार भोजपुरी छठ गीत रिलीज हो रहे हैं. इसी बीच वर्ल्डवाइड रिकार्ड्स भोजपुरी से भोजपुरी सिंगर नेहा राज की आवाज में 'उगिहे सुरुजदेव केरवा के पात' रिलीज किया है. इस छठ गीत में एक बार फिर से भोजपुरी अभिनेत्री माही श्रीवास्तव ने अपनी सादगी से सभी का मन जीत लिया है, वहीं इस सॉन्ग में माही का साथ पारुल यादव ने दिया है. दोनों की जोड़ी छठ गीत में कमाल की लग रही है.

नीचे देखें वीडियो सॉन्ग

सॉन्ग में माही सहेलियों संग घूमते घामते छठ माई के व्रत करने वालो के घर के सामने जा पहुंचती हैं, जहां वे सभी को व्रत की तैयारी करते हुए देखती है और गाती है कि बेदिया बनाता दूब छिलके धरतिया घरे घरे होता छठी माई के बरातिया गइया के गोबर बसे घरे लिपात हो कोयलिया बोले भोरे भोरे छठी मईया के घाट आज उगिहे सुरुजदेव केरवा के पात.

माही ने ऐसे गानों में परफॉर्म करके अपनी हॉट एंड बोल्ड छवि को तोड़ दिया है. उन्होंने इस गाने के वीडियो में अपनी सादगी से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया है. उनके चेहरे के एक्सप्रेसशन से दर्शकों की निगाह नहीं हट रही है. उनका ट्रेडिशनल लुक भी कमाल का है. वही सग में पारुल यादव भी अपने पारंपरिक परिधान के दम पर निखार के आ रही हैं. उनका योगदान भी गाने में बखूबी दिखता है. 

'उगिहे सुरुजदेव केरवा के पात' के निर्माता रत्नाकर कुमार हैं. गाने को नेहा राज ने गाया है, इसमें माही श्रीवास्तव और पारुल यादव ने परफॉर्म किया है.  वहीं, इसको आशुतोष तिवारी ने लिखा है. इसका संगीत छोटू रावत ने तैयार किया है. निर्देशन रवि पंडित और एडिट दीपक पंडित ने किया है.

बता दें, छठ का पहला दिन नहाया खाए शुरू हो जाता है, इसका दूसरा दिन खरना का होता है. खरना के दिन महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती हैं और रात को ग्रहण करती हैं. इसे प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता है. इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है. 

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