Barabanki News: किसान अब परंपरागत तौर-तरीकों को छोड़कर आधुनिक और औद्यानिक खेती की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. बाराबंकी जिले के सफीपुर गांव में एक ऐसे ही युवा किसान प्रमोद वर्मा हैं, जो जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: योगी सरकार में उद्यान विभाग के द्वारा मिल रहे अनुदान से आज किसानों की खेती में लागत के मुकाबले अच्छी आमदनी आसानी से हो जा रही है. आज किसान खेती के परंपरागत तौर-तरीकों को छोड़कर आधुनिक और औद्यानिक खेती कर रहा है. सरकारी मदद, समय के बेहतर प्रबंधन और विशेषज्ञों की राय से तमाम युवा अब खेती के क्षेत्र में महारथ हासिल कर रहे हैं. जिससे युवाओं को नौकरी की तलाश में महानगरों में भटकना भी नहीं पड़ रहा और वह अपने घरों में ही अच्छी कमाई कर रहे हैं.
बाराबंकी जिले के सफीपुर गांव में एक ऐसे ही युवा किसान प्रमोद वर्मा हैं, जो जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. उनकी शिमला मिर्च, स्ट्राबेरी, ब्रोकली, चप्पन कद्दू, टमाटर और फूलों की औद्यानिक खेती देखकर आज पूरा गांव यही खेती करने लगा है. केवल उनके गांव के ही नहीं, जिले के सैकड़ों किसान उनसे तौर-तरीके सीखकर सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं.
इन सब्जियों व फूलों की खेती करके किसान प्रमोद वर्मा काफी अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. आज उनके गांव का हर किसान प्रमोद की राह पर चल पड़ा है. पूरा गांव शिमला मिर्च, चप्पन कद्दू, स्ट्राबेरी, ब्रोकली, टमाटर और फूलों की खेती कर रहा है. इन सब्जियों और फूलों की आपूर्ति लखनऊ ही नहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और नेपाल तक हो रही है. प्रमोद को उनकी खेती के लिए जिला स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही इस साल उन्हें स्ट्राबेरी की खेती के लिए राज्यपाल से भी सम्मान मिल चुका है.
वहीं किसान प्रमोद वर्मा का मानना है कि नौकरी की तलाश में महानगरों में भटकने से अच्छा है कि युवा खेती करें. आज प्रदेश में योगी सरकार किसानों के लिये तमाम कल्याणकारी योजनाएं ला चुकी है. जिससे खुद कमाएं दूसरों को रोजगार भी मुहैया कराएं. उनके मुताबिक परंपरागत खेती के तरीके छोड़कर प्रगतिशील किसानी की जरूरत है. जिससे हम अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. वहीं प्रमोद की देखादेखी खेती की शुरुआत कर चुके गांव के दूसरे किसान भी प्रमोद की मेहनत की काफी सराहना करते हैं.
उनका कहना है कि प्रमोद ने उनको नई राह दिखाई है. क्योंकि पहले वह जो खेती करते थे, उसमें केवल लागत ही मुश्किल से निकल पाती थी. जबकि अब वह अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. बाराबंकी के जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक जिले में किसान अब औद्यानिक खेती बढ़-चढ़कर कर रहे हैं. प्रमोद आज दूसरे किसानों के लिये मिसाल बन चुके हैं. प्रमोद की मदद से जिले के अन्य किसान भी काफी आगे बढ़ रहे हैं.