Azab Gazab: पहाडों की संतान दायनी माता सती अनसूया भरती हैं सूनी गोद, जानिए स्वप्न के बाद स्नान का रहस्य
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Azab Gazab: पहाडों की संतान दायनी माता सती अनसूया भरती हैं सूनी गोद, जानिए स्वप्न के बाद स्नान का रहस्य

Azab Gazab: चमोली दो दिवसीय संतान दायनी माता सती अनसूया मेला विधि विधान के साथ शुरु हुआ. जानिए संतान दायनी माता से जुड़ी कहानी...

Azab Gazab: पहाडों की संतान दायनी माता सती अनसूया भरती हैं सूनी गोद, जानिए स्वप्न के बाद स्नान का रहस्य

पुष्कर चौधरी/चमोली: उत्तराखंड के चमोली दो दिवसीय संतान दायनी माता सती अनसूया मेला विधि विधान के साथ शुरु हुआ. जानकारी के मुताबिक देर शाम तक तकरीबन 400 बरोही यानी निःसंतान दम्पति ने अनसुया देवी मंदिर में अपना पंजीकरण कराया. आपको बता दें कि चमोली-ऊखीमठ मोटर मार्ग पर अनसूया मंदिर गेट पर 5 देवियों की मौजूदगी में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मेला का शुभारंभ किया. आइए आपको बताते हैं मंदिर के को लेकर क्या है मान्यता. 

सपना देखने के बाद महिला अपने पति के साथ करती हैं स्नान
संतानदायीनी माता अनसूया को लेकर ग्रामीणों की मान्यता है. ऐसी मान्यता है कि दत्तात्रेय जयंती पर आयोजित अनुष्ठान में जो भी निः संतान दम्पति यहां पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है. यहां दत्तात्रेय जयंती के पर्व क्षेत्र की सगर, बंणद्वारा, देवलधार, कठूड और खल्ला की देव डोलियां अनसूया मंदिर पहुंचती हैं. जहां विशेष पूजाओं के बाद निःसंतान महिला को रात के समय आयोजित अनुष्ठान में भाग लेना होता है. इसके बाद यहां उसे स्वप्न आता है. इसके बाद महिला अपने पति के साथ स्नान कर लौट आती है. ऐसी मान्यता है महिला को स्वप्न में अगर फल दिखाई देता है तो उसे पुत्र की प्राप्ति होती है.

ये है पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दशोली ब्लॉक के बंणद्वारा, खल्ला, सगर, देवलधार और कठूड़ मंदिरों में सती मां अनसूया की पांच बहनों की पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद सभी गांवों के ग्रामीण दोपहर में ढ़ोल दामाऊं के साथ देव डोलियों ने सती अनसूया मंदिर के लिए प्रस्थान किया. सभी डोलियां मंडल में स्थित अनसूया देवी मंदिर के पैदल मार्ग के मुख्य द्वार पर एक-दूसरे से मिलीं. इस दौरान पांचों देव डोलियों के मिलन को देखने बड़ी संख्या में देव भक्त वहां पहुंचे.

जयकारों के साथ देव डोलियों को हुआ भव्य स्वागत
आपको बता दें कि भक्तों ने माता अनसूया और ज्वाला के जयकारों के साथ देव डोलियों को भव्य स्वागत किया. इसके बाद यहां देव डोलियों की मौजूदगी में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मेले का विधिवत् शुभारंभ किया. कार्यक्रम के दौरान पशुपालन मंत्री ने कहा कि जिले में धार्मिक मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं. जिनके संरक्षण के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने ग्रामीणों को अनसूया देवी मंदिर मार्ग और मंदिर परिसर के विकास के लिए 15 लाख की घोषणा की.

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