अनुप्रिया पटेल को आरक्षण पर 12 घंटे में जवाब मिला, सीएम योगी को पत्र लिखकर उठाए थे सवाल
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2313028

अनुप्रिया पटेल को आरक्षण पर 12 घंटे में जवाब मिला, सीएम योगी को पत्र लिखकर उठाए थे सवाल

Anupriya Patel News: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल अपना दल एस की चीफ और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार को चिट्ठी लिखकर हलचल मचा दी है. अब आयोग की तरफ से अनुप्रिया पटेल को जवाब दिया गया है.  

Anupriya Patel

OBC Reserved Government Seats: एनडीए के सहयोगी घटक दल अपना दल (एस) की अध्यक्ष और सांसद अनुप्रिया पटेल के इस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी में OBC को लेकर सवाल खड़े किए थे. आयोग ने पूरी चयन प्रक्रिया विस्तार से बताई और साफ किया है कि साक्षात्कार परिषद द्वारा ‘नॉट सूटेबल’ लिखने का प्रावधान ही नहीं है बल्कि ग्रेडिंग दी जाती है.

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने विस्तार से समझाया
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission)  ने कहा कि साक्षात्कार प्रक्रिया कोडिंग (Coding) पर आधारित होती है. इसमें कैंडीडेट के सीरियल नंबर (क्रमांक), नाम, रजिस्ट्रेशन की संख्या, श्रेणी और उम्र को ढका जाता और उस पर सेलोटेप चिपकाई जाती है. साक्षात्कार के समय अभ्यर्थियों की पर्सनल डिटेल नहीं रखी जाती है. इसके साथ ही आयोग ने स्पष्ट किया कि साक्षात्कार परिषद ‘नॉट सूटेबल’ नहीं लिखती है बल्कि ग्रेडिंग देती है. इंटर्व्यू के बाद परिषद के सदस्य और प्राविधिक परामर्शदाताओं द्वारा दी गई ग्रेडिंग को औसत के सिद्धांत के आधार पर अंक में बदला जाता है और उसे मार्कशीट पर अंकित करते हैं. इसके बाद मार्कशीट का लिफाफा सील कराया जाता है.

आयोग करता है आगे फारवर्ड
आयोग ने बताया कि न्यूनमत अर्हता अंक के अंतर्गत सामान्य, OBC व EWS  लिए 40 प्रतिशत और SC-ST के लिए 35 प्रतिशत हैं. रिक्त पदों के सापेक्ष (Relative) यदि किसी वर्ग में स्टूडेंट न्यूनतम अर्हता अंक (minimum qualifying marks) नहीं पाते हैं तो ऐसी रिक्तियों को आयोग के लेवल पर किसी अन्य श्रेणी में परिवर्तित करने का अधिकार ही नहीं है. बल्कि शासनादेश में बताई गए प्रोसेस के अनुसार ऐसी रिक्तियों को आगे फारवर्ड किया जाता है. 

क्या लिखा था चिट्ठी में...
अपना दल एस की नेताअनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी को लिखे पत्र में इस कोटे के तहत नियुक्तियों को लेकर बड़े सवाल उठाए. केंद्रीय मंत्री ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि यूपी सरकार की इंटरव्यू वाली नियुक्तियों में ओबीसी-अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को यह कहकर नौकरी नहीं दी जा रही कि वे योग्य नहीं हैं. सीएम योगी को लिखी चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल और नीट की प्रवेश परीक्षा में पिछड़े वर्ग से आने वाले छात्रों को आरक्षण देने का एतिहासिक कदम उठाया है.  उन्होंने लिखा कि SC-ST और OBC अभ्यर्थियों ने उनसे कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली सिर्फ साक्षात्कार आधारित नियुक्ति प्रक्रिया वाली परीक्षाओं में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को प्राय: ‘नॉट फॉर सूटेबल’ घोषित कर इस वर्ग के किसी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया जाता है. साक्षात्कार वाले पदों में ये प्रक्रिया कई बार अपनाकर आखिर में उस पद को अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है. 

अखिलेश के PDA को संघ करेगा भंग, पिछड़ों-दलितों में पैठ बनाने का नया फार्मूला तैयार

 

Trending news