Amartya Sen: नोबल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के निधन की खबर झूठी, बेटी ने किया खंडन
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Amartya Sen: नोबल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के निधन की खबर झूठी, बेटी ने किया खंडन

Amartya Sen Death Fake News: नोबल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन के निधन की खबर सामने आई थी, जिसका उनकी बेटी ने खंडन किया है.  

Amartya Sen Death News

Amartya Sen Death Fake News: मशहूर अर्थशास्त्री और नोबेल विजेता अमर्त्य सेन के निधन की खबर झूठी है. उनकी बेटी नंदना देब सेन ने खुद इस खबर का खंडन किया है. इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी है. 

उन्होंने लिखा, "दोस्तों, आपकी चिंता के लिए धन्यवाद लेकिन यह फर्जी खबर है. बाबा पूरी तरह से ठीक हैं. हमने कैंब्रिज में अपने परिवार के साथ एक शानदार सप्ताह बिताया. कल रात जब हमने अलविदा कहा तो उनका हग हमेशा की तरह मजबूत था! वह हार्वर्ड में प्रति सप्ताह 2 पाठ्यक्रम पढ़ा रहे हैं, अपनी जेंडर बुक पर काम कर रहे हैं - हमेशा की तरह व्यस्त!"" 

दरअसल, आर्थिक नोबेल पुरस्कार विजेता क्लाउडिया गोल्डिन के नाम से बने अनवेरिफाइट अकाउंट के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर एक पोस्ट के डाली गई. जिसमें लिखा गया, "एक दुख खबर. मेरे सबसे प्रिय प्रोफेसर अमर्त्य सेन का कुछ मिनट पहले निधन हो गया. मेरे पास शब्द नहीं हैं." 

अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवंबर, 1933 को पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में हुआ. उन्हें 1998 में अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इकोनॉमिक्स में क्षेत्र में नोबेल पाने वाले पहले भारतीय हैं. इसके अलावा उन्हें देश का सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान भारत रत्‍न से भी नवाजा जा चुका है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमर्त्य सेन का जन्म और पालन-पोषण विश्व भारती कैंपस में हुआ था. रवीन्द्रनाथ टैगोर  ने उनका नाम अमर्त्य रखा था. प्राइमरी एजुकेशन के बाद सेन ने प्रेजिडेंसी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएन की. इसके बाद हावर्ड यूनिवर्सिटी, अमरीका चले गए. उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है. वह हार्वड यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक रहे. वे जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकानामिक्स और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी शिक्षक रह चुके हैं. 

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