Firozabad: जिस नवजात को घोषित किया मृत वो निकली जिंदा! परिजनों ने अस्पताल में काटा हंगामा, जानिए पूरा मामला
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Firozabad: जिस नवजात को घोषित किया मृत वो निकली जिंदा! परिजनों ने अस्पताल में काटा हंगामा, जानिए पूरा मामला

 Firozabad news: फिरोजाबाद  जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिस बच्ची को अस्पताल ने मृत बताया वो जिंदा निकली. उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में भर्ती कराया. हालांकि 6 घंटे बाद उसकी मौत हो गई.

Firozabad: जिस नवजात को घोषित किया मृत वो निकली जिंदा! परिजनों ने अस्पताल में काटा हंगामा, जानिए पूरा मामला

प्रेमेंद्र कुमार/फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद  जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक निजी अस्पताल में प्रसव कराने आई महिला के नवजात की मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर परिवार वाले अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे. लेकिन, जब कार्रवाई करने के लिए सीएमओ मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि जिस बच्चे को परिजन मृत बता रहे थे, वह जीवित थी. उन्होंने उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में भर्ती कराया. 

जानिए क्या है पूरा मामला
मामला जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र से जुड़ा है. यहां पर एक दिन पुर्व  गांव मोइनुद्दीनपुर की रहने वाली विनीता का एक निजी अस्पताल में प्रसव हुआ था. उसने एक बच्ची को जन्म दिया था. चूंकि यह प्रसव समय से पूर्व हुआ था, इसलिए बच्ची बेहद कमजोर थी. मृतक बच्ची के भाई की माने तो जिस अस्पताल में बालिका पैदा हुई थी, उसी अस्पताल के कंपाउंडर के साथ इलाज के लिए बालिका को आगरा के एक निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.

परिजनों ने अस्पताल पर लगाए लापरवाही के आरोप
बीती रात साथ गए कम्पोउंडर ने बताया कि बेटी की मौत हो गई है. लिहाजा पिता व मृतक बच्ची का भाई उसे आगरा से ले आए और उस अस्पताल में ले गये. जहां वह पैदा हुई थी. बेटी के पिता और अन्य परिजनों ने प्रसव करने वाले अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए  पुलिस और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की. मामला बढ़ता देखकर पुलिस और सीएमओ मौके पर पहुंचे. सीएमओ डॉ. राम बदन राम ने जब बच्ची का परीक्षण किया तो बच्ची की सांस चल रही थी. 

सीएमओ ने कही जांच की बात 
सीएमओ ने उसे तत्काल सरकारी अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराया. सीएमओ का कहना है कि बच्ची जिंदा थी. अस्पताल की लापरवाही की जांच की जा रही है. हालांकि इलाज के दौरान लगभग 6-7 घंटे बाद बच्ची की मौत हो गई है. 

 

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