Bhukh na lagne ki wajah: फूड क्रेविंग की सबसे बड़ी वजह शारीरिक उर्जा भी है. सर्दियों में शरीर को अधिक एनर्जी की जरूरत पड़ती है. बॉडी खुद को गर्म रखने या दूसरे शब्दों में कहें कि तापमान को शरीर के अनुकूल बनाए रखने के लिए खूब मेहनत मशक्कत करनी पड़ती है जिस कारण शरीर को अधिक भोजन की जरूरत पड़ती है और बार-बार फूड क्रेविंग होती है.
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Winter Craving: मौसम में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है. दिसंबर आने वाला है. अगले दो तीन महीने तक कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है. ठंड का मौसम सेहत के लिहाज से बहुत अच्छा माना जाता है, लेकिन इन सब में गौर करने वाली बात यह है कि सर्दियों का मौसम शुरू होते ही प्यास कम लगती है और भूख ज्यादा लगती है. खाना खाने के बाद भी कई बार प्यास नहीं लगती, लेकिन भूख है कि शांत होती ही नहीं. इस मौसम में खूब चटपटे गरमा गरम मसालेदार तले भुने चीज खाने का मन करता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?
जाड़े का मौसम बहुत ही उदासी भरा होता है. इस समय बहुत आलस आता है. धूप नहीं निकलती है तो हमें आधे से ज्यादा समय रजाई और कंबल में गुजारना पड़ता है. घने कोहरे के चलते लोगों से कम मिलना-जुलना होता है. यहां तक की कुछ लोगसीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की भी चपेट में आ जाते हैं. इस वजह से भी वह ज्यादा खाने लगते हैं.
फूड क्रेविंग की सबसे बड़ी वजह शारीरिक उर्जा भी है. सर्दियों में शरीर को अधिक एनर्जी की जरूरत पड़ती है. बॉडी खुद को गर्म रखने या दूसरे शब्दों में कहें कि तापमान को शरीर के अनुकूल बनाए रखने के लिए खूब मेहनत मशक्कत करनी पड़ती है जिस कारण शरीर को अधिक भोजन की जरूरत पड़ती है और बार-बार फूड क्रेविंग होती है.
सर्दियों में हम कम पानी पीते हैं क्योंकि प्यास ही नहीं लगती, इसी वजह से बॉडी डिहाइड्रेट हो जाता है. जब बॉडी को डिहाइड्रेट होने के बाद पानी की जरूरत महसूस होती है तो हमें ऐसा लगता है कि हमें भूख लग रही है और हम कन्फ्यूजन और गलतफहमी में ज्यादा खाना खा लेते हैं.
वैज्ञानिक वजहों की बात करें तो जब भी ठंड के मौसम में हम नहा कर निकलते हैं तो शरीर ऊपर से ठंडा हो जाता है, जबकि सारी एनर्जी पेट में जमा हो जाती है. इससे पेट की अग्नि तेज हो जाती है और साथ ही भूख बढ़ने लगती है.
फूड क्रेविंग का असर
जरूरत से ज्यादा खाने से हमारे लिए मुसीबत बन जाता है. यही वजह है कि ठंड में लोगों का वेट गेन हो जाता है. जो लोग मोटापे से शिकार होते हैं उन्हें डायबिटीज जैसी समस्या हो जाती है और इसके बाद ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारियां भी बढ़ने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि हमें ठंडी में फूड क्रेविंग को कंट्रोल करना चाहिए और उल जलूल चीजें खाने से बचना चाहिए.
विंटर फूड क्रेविंग से कैसे बचे
जब भी भूख लगने लगी तो खुद से सवाल करें कि आपने पानी पिया है भी या नहीं इससे यह पता लगा सकते हैं कि बॉडी डिहाइड्रेट हो रही है और उसे खाने की नहीं पानी की आवश्यकता है इस तरह से आप शरीर को डिहाइड्रेशन से बचा सकते हैं और फूड क्रेविंग भी रुक सकती है. भूख लगने पर जंक फूड औरन हेल्दी फूड खाने की बजाय पोषक पदार्थ खाएं, जैसे मूंगफली,ड्राई फ्रूट, इसमें फाइबर की मात्रा होती है,जो आपके पेट को भरा हुआ महसूस कराती है. खाने में आपको स्पेशल सूप सलाद शामिल करना चाहिए इससे आप सेहतमंद रहेंगे.
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