क्यों भारत में सरकारी नौकरी की दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है?
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क्यों भारत में सरकारी नौकरी की दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है?

Govt Job in India: हमारे देश में युवाओं का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो इस समय सरकारी नौकरी की तैयारी में लगा हुआ है. सरकारी नौकरी में आखिर ऐसा क्या है कि इसके लिए युवा इतनी शिद्दत से तैयारी करते हैं? इसका जवाब हम यहां दे रहे हैं.

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Sarkari Naukari Latest News: हमारे देश में सरकारी नौकरियों को बहुत ही ज्यादा पसंद किया जाता है और इसे पाने के लिए मुकाबला भी बहुत कड़ा होता है. सरकारी नौकरी को हमारे समाज में स्थिरता, प्रतिष्ठा और आर्थिक सुरक्षा के रूप में देखा जाता है. इसलिए सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करने वालों और आवेदन करने वालों कीं संख्या करोड़ों में होती है. हमारे देश में सरकारी नौकरी की चाहत कभी-कभी दीवानगी की शक्ल ले लेती है.  आइए आपको बताते हैं कि हमारे देश में लोग सरकारी नौकरी क्यों चाहते हैं- 

- नौकरी की सुरक्षा: हमारे यहां सरकारी नौकरियों को प्राथमिकता देने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि उसमें जॉब सिक्योरिटी बहुत अधिक है. प्राइवेट फिल्ड में बाजार में उतार-चढ़ाव, आर्थिक मंदी और परफॉरमेंस के नाम पर छंटनी होती है. वहीं सरकारी नौकरियां स्थिरता देती हैं. वैसे भी हमारे देश में वित्तीय स्थिरता परिवारों के लिए चिंता का विषय रहती है.

- भत्ते और लाभ : भारत में सरकारी नौकरियों के साथ कई लाभ मिलते हैं जो निजी क्षेत्र में मिलना मुश्किल है. इनमें शामिल हैं:

पेंशन : रिटायर होने के बाद भी, कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलती है, जो वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करती है.

स्वास्थ्य लाभ: कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा कवरेज.

भत्ते: आवास भत्ते, यात्रा लाभ और महंगाई भत्ते.

सब्सिडी: सरकारी कर्मचारियों को अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और होम लोन जैसी आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर सब्सिडी मिलती है.

- वर्क लाइफ बैलेंस: सरकारी नौकरियों में काम के घंटे निश्चित होते हैं. जिससे कर्मचारियों के पास निजी और पारिवारिक काम के लिए समय होता है. आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश और मातृत्व/पितृत्व अवकाश सहित सवेतन अवकाश, वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में मदद करते हैं.

- प्रतिष्ठा और सामाजिक स्थिति : भारत में सरकारी नौकरी करना पारंपरिक रूप से समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है. सिविल सेवा, रक्षा, लोक प्रशासन या यहां तक ​​कि शिक्षण की सरकारी नौकरियों में पदों को सम्मानजनक पेशे के रूप में देखा जाता है.

- आरक्षण : भारत में सरकारी नौकरी की भर्ती में वंचित समुदायों को आरक्षण दिया जाता है. इससे वंचित पृष्ठभूमि के लोगों के लिए रोजगार हासिल करने के अवसर पैदा होते हैं. अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बीच सरकारी नौकरी की लोकप्रियता अधिक है.

- दबाव कम : सरकारी नौकरियों में परफॉरमेंस को लेकर दबाव कम होता है. इसलिए भी ये नौकरियां आकर्षक होती हैं.

- करियर और प्रमोशन: सरकारी नौकरियों में प्रमोशन को लेकर नियम होते हैं. प्रमोशन मिलना तय रहता है. इसलिए भी लोग सरकारी नौकरी करना चाहते हैं.

- समान वेतनमान : वेतन आयोग जैसी प्रणालियों के माध्यम से, सरकारी नौकरियों में एक मानक वेतन दिया जाता है.

- सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ : ऐतिहासिक रूप से, देखा जाए तो सरकारी नौकरियां अंग्रेजों के जमाने से मिलने लगीं. तब से इसे स्थिर रोजगार माना जाने लगा. समय के साथ इसका आकर्षण बढ़ता ही गया. सरकारी नौकरी को "आदर्श नौकरी" माना जाने लगा. परिवार और समाज में इसे बहुत महत्व मिलने लगा.

- ग्रामीण क्षेत्र में महत्व : ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां प्राइवेट नौकरी न के बराबर है. वहां सरकारी नौकरियां अक्सर स्थिर रोजगार के लिए एकमात्र विकल्प होती हैं.

- ग्रामीण पोस्टिंग में वित्तीय प्रोत्साहन : ग्रामीण या दूरदराज के स्थानों में पोस्टिंग के लिए सरकार अक्सर भत्ते, सब्सिडी वाले आवास या विशेष अवकाश लाभ जैसे अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करती है.

- समाज में योगदान: कई सरकारी नौकरियों को, राष्ट्र के विकास में योगदान करने और समाज की सेवा करने के अवसर के रूप में देखते हैं.

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