UP Nikay Chunav 2023 : अलीगढ़ प्रदेश के सबसे हाईप्रोफाइल नगर निगम में एक है. जनपद न सिर्फ राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील है, बल्कि सभी दलों की सियासी वोटबैंक की दिशा तय करता है. आइए जानते हैं क्या है निकाय चुनाव को लेकर यहां का समीकरण
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अलीगढ़ : तालों की नगरी अलीगढ़ (Aligarh) में दूसरे चरण में 11 मई को मतदान है. सभी सियासी दल के नेता चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगा रहे हैं. 9 मई को चुनाव प्रचार थम जाएगा. अलीगढ़ में एक नगर निगम, दो नगर पालिकाएं व 15 नगर पंचायत पर चुनाव होना है. नगर निगम में 90 वार्ड हैं, 9,01,472 मतदाता अपने मेयर को चुनेंगे. जनपद में कुल मतदाताओं की संख्या 11,81,137 है, जिनमें 6,01,298 पुरुष और 5,35,810 महिला मतदाता हैं. अलीगढ़ की जनता के मन में क्या चल रहा है, तालों के शहर में जी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की टीम ने शहर की सरकार कार्यक्रम के जरिए जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की.
अलीगढ़ में मेयर के लिए भाजपा ने प्रशांत सिंहल (Prashant Singhal) को प्रत्याशी बनाया है. बीएसपी (BSP) से सलमान शाहिद प्रत्याशी है तो वहीं समाजवादी पार्टी से हाजीजमीर उल्लाह किस्मत आजमा रहे हैं. कांग्रेस (Congress) ने सीपी गौतम और आम आदमी पार्टी ने राजकुमार सैनी को मेयर का टिकट दिया है. एआईएमआईएम से गुफरान नूर मेयर प्रत्याशी के तौर पर मैदान में है. इस तरह अलीगढ़ नगर निगम में मेयर के लिए कुल 13 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी समर्थकों का कहना है कि अलीगढ़ में मुस्लिम वोटर भी बीजेपी का साथ देंगे. भाजपा समर्थकों के मुताबिक ट्रिपल तलाक भी निकाय चुनाव में मुद्दा होगा. पिछली बार मुस्लिम मेयर होने के बाद भी विकास के मुद्दे पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस और सपा बीजेपी प्रत्याशी के ऊपर अवैध अतिक्रमण करने का आरोप लगा रहे हैं. यहां पिछली बार बीएसपी के मोहम्मद फुरकान मेयर निर्वाचित हुए थे. कांग्रेस का कहना है कि 27 साल पहले निगम का गठन हुआ. यहां 4 बार बीजेपी का मेयर निर्वाचित हुआ, लेकिन फिर भी विकास नहीं हो सका.
अलीगढ़ के मुद्दे
स्मार्ट सिटी
स्वच्छता
सफाई कर्मचारियों की भर्ती का मुद्दा
नगर निगम के बंद पड़े स्कूलों को खोला जाना
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