UP Nikay Chunav: नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की अंतिम अधिसूचना आज, कल तारीखों का ऐलान
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UP Nikay Chunav: नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की अंतिम अधिसूचना आज, कल तारीखों का ऐलान

UP Nikay Chunav: नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर ऊहापोह बढ़ती ही जा रही है. दोबारा आरक्षण जारी होने के 10 दिन बाद भी आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. समाजवादी पार्टी की ओर से भी सैकड़ों आपत्तियां दाखिल की गई हैं.

Nagar Nigam Election 2023 in UP

UP Nagar Nikay Chunav 2023 : नगर निकाय चुनाव के लिए जारी आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना पर मिली आपत्तियों के निस्तारण के बाद अब सभी आपत्तियों का मिलान किया जा रहा है.माना जा रहा है कि इसी के बाद रविवार को शाम तक आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक अंतिम आरक्षण में करीब 1 से 2 फीसदी सीटों पर बदलाल की संभावना दिख रही है. इसमें अधिकांश वार्ड हैं. इसके साथ ही 2 से 3 फीसदी नगर पंचायतों में भी अध्यक्षों के आरक्षण भी बदल सकते हैं.

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नगर विकास विभाग ने 30 मार्च को नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के लिए आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी की थी. इसके तहत 17 नगर निगम, 199 नगरपालिका और 545 नगर पंचायतों के लिए आरक्षण सूची जारी की गई थी. इसके साथ ही इस आरक्षण पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया था. आरक्षण को लेकर नगर विकास विभाग को सैकड़ों की संख्या में आपत्तियां मिली हैं. इन्हीं आपत्तियों के निस्तारण के बाद आज शाम तक अंतिम आरक्षण जारी हो सकता है. 

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हालांकि निकाय चुनाव को लेकर दोबारा कुछ याचिकाएं अदालत में दाखिल की गई हैं. इसमें ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक अन्य पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट के तमाम बिंदुओं पर सवाल उठाए गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके बाद चार दिनों में ओबीसी आयोग की रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा था.

ऐसे में अगर अदालत आरक्षण को लेकर फिर किसी तरह का दिशानिर्देश जारी करती है तो फिर चुनाव में पेंच फंस सकता है. पिछली बार 5 दिसंबर 2022 को नगर विकास विभाग ने आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी. लेकिन आरक्षण प्रक्रिया में ट्रिपल टेस्ट का पालन न किए जाने का सवाल उठाते हुए तमाम याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई थीं. हाईकोर्ट से 31 जनवरी तक बिना आरक्षण के चुनाव कराने को कहा गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से सरकार को राहत मिली और आयोग के गठन के बाद मार्च में रिपोर्ट दाखिल की गई. हालांकि अभी भी चुनावी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है.

 

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