UP Politics: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहा है, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी सेंधमारी तेज हो गई है. 24 जुलाई को बीजेपी ने विपक्ष के कई नेताओं को अपने पाले में कर लिया.
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UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले हर दल नई सियासी जमीन तैयार करने में जुट गया है. हर बार की तरह बीजेपी इस आक्रामक रणनीति पर काम कर रही है. इसी कड़ी में दूसरे दलों के नेताओं की ज्वाइनिंग का सिलसिला शुरू हो गया है. सोमवार को कई पार्टियों के नेता ने अपनी पार्टी छोड़कर सत्ताधारी दल बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमें समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के कई नेता शामिल हैं. इनमें RLD नेता राजपाल सैनी, पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी, जौनपुर के सपा नेता जगदीश सोनकर, सपा नेता सुषमा पटेल, पूर्व विधायक अंशुल वर्मा,जौनपुर के पूर्व विधायक गुलाब सरोज भी शामिल हैं. विपक्षी दलों को भाजपा में ज्वाइनिंग दिलाने के लिए लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में सदस्यता कार्यक्रम रखा गया. इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी मौजूद रहे.
पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली शालिनी यादव समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं. शालिनी यादव के पिता श्याम सिंह यादव राज्यसभा के उप सभापति रहे हैं. शालिनी यादव का दावा है कि वाराणसी और आसपास की सीटों में उनका अच्छा जनाधार है.
एनडीए का गठबंधन भी मजबूत हो रहा
वहीं दूसरी ओर बीजेपी की नजर अब दूसरे दलों को गठबंधन में शामिल करने की है. पार्टी का सबसे अधिक जोर उत्तर प्रदेश में है. अब तक एनडीए में 38 दलों को शामिल किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि विपक्ष की एकजुटता के बाद भाजपा हरकत में आ गई है. पार्टी बड़े दलों के बजाय छोटे दलों पर फोकस कर रही है. भाजपा की रणनीति है कि यदि छोटे दलों से गठबंधन करेंगे तो जातिगत वोटबैंक तक पहुंच बन जाएगी. राज्य में छोटे-छोटे दलों को साधकर भारतीय जनता पार्टी हर हाल में 50 फीसदी वोट शेयर के स्तर को पार करना चाहती है. उधर पूर्व राज्यमंत्री डॉ.धर्म सिंह सैनी ने भी बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है.
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