Electricity system in UP: यूपी में उपभोक्ता परिषद ने यूपी में लग रहे प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक की मांग की है और यह मांग पहले से तेज हो गई है.
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UP News: उपभोक्ता परिषद ने पूरे उत्तर प्रदेश में लग रहे प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने को को लेकर रोक लगाने की मांग उठाई है. परिषद लगातार मांग करती रही है कि पहले अब तक लगाए मीटरों का पांच प्रतिशत चेक मीटर ही लगाया जाए जोकि केंद्र सरकार के नियमानुसार है. किसी भी मीटर को साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट पास किए बिना न लगाया जाएं.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर
यूपी की सभी बिजली कंपनियों में उपभोक्ताओं के घर पर करीब 5 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं. मॉडल स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट की धारा 9.6.1 के अंतर्गत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने के बाद साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट (एसएटी) पास होना अनिवार्य होगा. फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (एफ0आई0आई0टी) को एसएटी टेस्ट के पहले पास करना जरूरी है.
बिजली अभियंताओं की योजना
बिना एसएटी टेस्ट पास किए स्मार्ट प्रीपेड मीटर को तत्काल उपभोक्ताओं के घर में लगाने पर रोक लगाने की मांग उठाई गई है. निजीकरण के खिलाफ बिजली अभियंता मुखर है और आर पार की लड़ाई की घोषणा कर चुके हैं. झांसी में रविवार के दिन बिजली पंचायत की गई जिसमें हर स्तर पर संघर्ष करने की घोषणा हुई. बिजली पंचायत में उरई, महोबा, ललितपुर से लेकर झांसी के बिजली कर्मियों के साथ ही अभियंता और संविदाकर्मी शामिल हुए. यहां पर पंचायत में सबने सीएम योगी आदित्यनाथ पर विश्वास जताया. एक जनवरी को काला दिवस मनाने की बिजली अभियंताओं ने योजना बनाई है.
लाइन हानि को लेकर लक्ष्य
बिजली कर्मी लगातार सुधार में जुटे हैं. 41 प्रतिशत हानि साल 2016-17 में हुई थीं जो कि साल 2023-24 में कम होकर 17 प्रतिशत हो गईं. बिजली कर्मी आगे के एक दो साल में लाइन हानि को 15 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य रखे हुए हैं. पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने एकाएक ही निजीकरण का ऐलान किया जिसके बाद से ही विरोध जारी है.