Barabanki: सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नहीं फार्मासिस्ट कर रहे हैं मरीजों का इलाज, चल रहा है कमीशन का खेल
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Barabanki: सरकारी अस्पताल में डॉक्टर नहीं फार्मासिस्ट कर रहे हैं मरीजों का इलाज, चल रहा है कमीशन का खेल

UP health system : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के नाम पर गरीब मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां मरीजों को चिकित्सीय सेवा देने का दावा खोखला है. यहां अक्सर डॉक्टर नहीं होते और चिकित्साधिकारी भी अनुपस्थित रहते हैं. वार्ड ब्वॉय, फार्मासिस्ट द्वारा यहां पर नाड़ी देखकर मरीजों को दवा लिख दी जाती है. 

Barabanki News (फाइल फोटो)

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी : ग्रामीणांचल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गरीब मरीजों को चिकित्सीय सेवा देने का दावा एक छलावा साबित हो रहा है. असलियत यह है कि मरीजों को ठीक से न तो इलाज मिल पा रहा है और न ही जिम्मेदारों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है. अक्सर डॉक्टर और चिकित्साधिकारी अनुपस्थित रहते हैं. इसके अलावा वार्ड ब्वॉय, फार्मासिस्ट द्वारा नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाया जा रहा है. 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला 
ऐसा ही एक मामला बाराबंकी के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी देखने को मिला. जहां तैनात फार्मासिस्ट ही डॉक्टर का काम कर रहा है. यह फार्मेसिस्ट न सिर्फ मरीजों का मर्ज देखता है, बल्कि उन्हें बाहर की दवाएं भी देता है. यह पूरा मामला बाराबंकी में स्थित फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां डॉक्टरों की तैनाती के बावजूद अस्पताल फार्मासिस्ट जितेंद्र नारायण पाण्डेय के भरोसे चल रहा है. डॉक्टर प्रतिदिन नहीं आ रहे हैं, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है. आलम यह है कि यहां तैनात फार्मासिस्ट ही मरीजों का इलाज- कर रहा है. 

कमीशन का खेल 
इस बारे में मरीजों का कहना है कि कमीशन के लिए यहां के डाक्टर और फार्मासिस्ट बाहर के पर्चे लिखते हैं. जिसका पर्चा बाहर के मेडिकल स्टोर पर जाता है, उसको ही कमीशन मिलता है. मरीजों ने बताया कि वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर में अपना इलाज करवाने गए थे. उन्होंने अपनी शिकायत बताई और दवा भी लिखवाई. लेकिन जब चेकअप करवाकर बाहर आया तो पता चला उसे डॉक्टर ने नहीं बल्कि फार्मासिस्ट ने देखा है। उन्होंने बताया कि यहां डाक्टर या फार्मेसिस्ट बाहर की दवाई लिखते हैं और बाहर की दवाएं इतनी महंगी होती हैं कि दवा खरीद नहीं पाते. जिसके चलते गरीब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. 

इस मामले में बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अवधेश यादव से भी बात की गई. उन्होंने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया.

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