Vikat Sankashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी पर इस शुभ मुहूर्त में करें चंद्रमा की आराधना, बप्पा बरसाएंगे कृपा!
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2219159

Vikat Sankashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी पर इस शुभ मुहूर्त में करें चंद्रमा की आराधना, बप्पा बरसाएंगे कृपा!

Vikat Sankashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी पर अगर आप भगवान गणेश को प्रसन्न करने की इच्छा रखते हैं तो आपको विशेष संयोग में बप्पा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. शाम को चंद्रोदय के समय अगर चंद्रमा को अर्घ्य दें तो इसका विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं. 

Vikat Sankashti Chaturthi 2024

Vikat Sankashti Chaturthi 2024: हिन्दू धर्म के माह वैशाख के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और इस दिन भक्त व्रत रखते हैं. विकट संकष्टी चतुर्थी पर इस वर्ष खास संयोग बनने वाला है. इस संयोग में भक्त अगर पूजा अर्चना करें तो भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं. जीवन में आने वाले कष्ट भी दूर होंगे और घर परिवार में समृद्धि बनी रहेगी. वैशाख के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि पर पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश जी की पूजा करने की परंपरा है. रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने और पूजा करने का विधान है. विकट संकष्टी चतुर्थी का अगर व्रत रखें तो जीवन में आने वाली कठिनाइयों का नाश होता है. काम में आने वाली बाधाएं भी दूर होती है. गणपति बप्पा के आशीर्वाद पाने के साथ ही सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

पंचांग के मुताबिक, विकट संकष्टी यानी चतुर्थी तिथि 27 अप्रैल को सुबह के 08 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ हो रही है. 28 अप्रैल को तिथि सुबह के 08 बजकर 21 मिनट पर खत्म हो जाएगी. 27 अप्रैल को सूर्योदय के बाद चतुर्थी तिथि शुरू होगी लेकिन चंद्रोदय चतुर्थी​ तिथि में होगी जिसके कारण 27 अप्रैल को ही होगा. परिघ योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत में है ऐसे में व्रत का महत्व बढ़ जाता है. परिघ योग 27 अप्रैल के प्रात:काल से लेकर 28 अप्रैल को तड़के 03 बजकर 24 मिनट तक होगा. वहीं प्रात:काल से शुरू होकर ज्येष्ठा नक्षत्र भी 28 अप्रैल को प्रात: 04 बजकर 28 मिनट तक खत्म होगा. 

विकट संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय
विकट संकष्टी चतुर्थी पर रात के 10 बजकर 23 मिनट पर चंद्रोदय होगा जिसके कारण पूजन भी उसी समय किया जाएगा. अर्घ्य भी उसी दिन दिया जाएगा. चंद्रमा की पूजा का समय विकट संकष्टी चतुर्थी पर रात 10:23 पीएम से है.

और पढ़ें- Mantra On Ekadashi: मोहिनी एकादशी पर 11 विष्णु जी के इन विशेष मंत्रों का करें जाप, मिलेगा शुभ फल

विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
भगवान गणेश को अगर प्रसन्न करना है तो विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भक्त ब्रह्म मुहूर्त में उठें व निवृत्त होकर स्नान करें. इसके बाद व्रत का संकल्प करें. 
सूर्योदय के समय अगर भगवान सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें तो लाभ होगा. घर के मंदिर की सफाई करें व गंगाजल का छिड़क दें. 
मंदिर में एक चौकी रखे और लाल या पीला कपड़ा बिछा दें. भगवान गणेश की प्रतिमा यहीं पर स्थापित करें. 
दूर्वा और मोदक बप्पा को अर्पित करें. देशी घी का दीया जालाकर आरती करें. गणेश चालीसा का पूरे मन से पाठ करें.
अंत में गणपति बप्पा के पूजन का प्रसाद लोगों में बांटें. 
अपनी सामर्थ्य के अनुसार आप इस दिन दान भी कर सकते हैं.

गणेशजी के मंत्र
पूजा के समय विशेष मंत्रों का जाप करना शुभ होता है. गणेश जी को मोदक, फल व मिठाई का भोग कराएं. 

ये मंत्र हैं- 
गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
शुभ लाभ गणेश मंत्र- ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र- श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

Trending news