Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में तीसरी बार सूपड़ा साफ करने को तैयार भाजपा, विपक्ष के लिए बना चक्रव्यूह
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Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में तीसरी बार सूपड़ा साफ करने को तैयार भाजपा, विपक्ष के लिए बना चक्रव्यूह

Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर के भाजपा ने तैयारियां तेज कर दी हैं. गुरुवार को बीजेपी की पहली संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियों बैठक हुई. इस बैठक में इस पर चर्चा की गई कि आखिर किस रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव को लड़ा जाएगा.

Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में तीसरी बार सूपड़ा साफ करने को तैयार भाजपा, विपक्ष के लिए बना चक्रव्यूह

देहरादून: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर के भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. गुरुवार को भाजपा की पहली संयुक्त मोर्चा पदाधिकारियों बैठक हुई. संयुक्त मोर्चा प्रदेश पदाधिकारी की बैठक में इस पर चर्चा की गई कि आखिर किस रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव को लड़ा जाएगा. भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतों से अपने प्रत्याशियों को जिताने की प्लान को तैयार कर लिया है. 

7 मोर्चों को सौंपा गया जीत की हैट्रिक लगाने का प्लान
2024 की लोकसभा चुनाव में बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने का प्लान तैयार किया है और इस प्लान की जिम्मेदारी पार्टी ने अपने 7 मोर्चो को सौंपे हैं. जिसमें युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा ,अनुसूचित जाति मोर्चा ,अल्पसंख्यक मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा शामिल हैं.  सात मोर्चों के संयुक्त प्रदेश पदाधिकारी की बैठक में इस पर चर्चा हुई कि जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा कम वोट पिछले चुनाव में मिला था. वहां पर कैसे वोट पर्सेंटेज को बढ़ाया जा सकता है. 

किन क्षेत्रों में राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं की जनसभाएं करने से पार्टी को लाभ मिल सकता है. पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति बहुल इलाकों में सम्मेलन सभा और रैली करने का प्लान बनाया गया है.  2014 के मुकाबले पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अधिक मतों से जीत हासिल की थी. 2024 में 75 फीसदी मतों के साथ जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश की 23 ऐसी विधानसभाएं हैं, 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार मिली थी. ऐसे क्षेत्रों में भी अब सम्मेलन सभा और कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. 

जीत के मंत्र पर मंथन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि पार्टी पूरी शिद्दत के साथ में लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है और सभी मोर्चे को जिम्मेदारी सौंप गई है. मोर्चे के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में पार्टी के कार्यक्रम को चलाने का काम करेंगे. वहीं किसान मोर्चा, किसानों के बीच में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर जाएंगे ,अल्पसंख्यक अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में मोर्चा संभालेंगे.  

सात मोर्चे के पदाधिकारी कार्यकर्ता अब लोकसभा चुनाव तक पार्टी के सभी कार्यक्रमों को आम जनता तक पहुंचने में अपना योगदान देंगे. पार्टी ने आज संयुक्त मोर्चा प्रदेश पदाधिकारी की बैठक में न सिर्फ नए कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की है बल्कि कार्यकर्ताओं की नब्ज को भी टटोलने का काम किया है. कहां और किस तरह से कार्यक्रम आयोजित होंगे इसकी रणनीति तैयार हो चुकी है. फिलहाल नजर इस बात पर रहेगी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा विपक्ष की चुनौतियों का मुकाबला कैसे करती है.

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