देश का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे महंगा चुनाव अभियान पूरा, जानें 10 बड़ी बातें
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2270767

देश का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे महंगा चुनाव अभियान पूरा, जानें 10 बड़ी बातें

Second Longest Lok Sabha Election : चुनाव आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषण कर दी थी. देशभर में 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में मतदान हुए. इसमें करीब 44 दिन का समय लग गया. 

Second Longest Lok Sabha Election

Second Longest Lok Sabha Election : आजादी के बाद दूसरा सबसे लंबा लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में है. इससे पहले देश का पहला आम चुनाव करीब चार महीने से अधिक समय तक चला था. करीब 82 दिनों तक चला दूसरा सबसे लंबा चुनाव हम सभी के रोजमर्रा के जीवन पर हावी रहा. 2024 का लोकसभा चुनाव अब तक सबसे महंगा चुनाव साबित हुआ. 

16 अप्रैल को घोषणा और 4 जून को मतगणना 
बता दें कि चुनाव आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषण कर दी थी. देशभर में 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में मतदान हुए. इसमें करीब 44 दिन का समय लग गया. वहीं, चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा से लेकर मतगणना तक कुल 82 दिन का समय लगेगा. इससे पिछला 2019 का चुनाव 39 दिनों तक चला था. देश का सबसे पहले चुनाव करीब चार महीने चला. 

पहला लोकसभा चुनाव 
देश का पहला लोकसभा चुनाव 120 दिनों तक चला था. 25 अक्तूबर 1951 को शुरू हुआ चुनाव 21 फरवरी 1952 तक चला था. पहला आम चुनाव 68 चरणों में संपन्‍न हुआ था. इसमें 10,59,50,083 ने पहली बार मताधिकार का प्रयोग किया था. उस समय जम्मू और कश्मीर में चुनाव नहीं हुए थे. जम्‍म-कश्‍मीर में 1967 तक लोकसभा सीटों के लिए कोई मतदान नहीं हुआ था. 

सबसे कम दिन का लोकसभा चुनाव 
सबसे कम दिनों का लोकसभा चुनाव 1980 का था. 1980 का लोकसभा चुनाव 3 से 6 जनवरी तक चला. ऐसा पहली बार हुआ जब पूरे देश में चार दिनों में मतदान संपन्‍न हो गया था. 10 जनवरी 1980 को पूरी चुनावी प्रक्रिया खत्‍म हो गई थी. हालांकि, उस समय 17 लोकसभा सीटों पर मतदान नहीं हुए थे.  

अब तक सबसे महंगा लोकसभा चुनाव 
2024 का लोकसभा चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव होने जा रहा है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इस बार लोकसभा चुनाव में करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. पिछले चुनाव की तुलना में इस बार दोगुना रुपये खर्च हुए. 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 60,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. 

साल 2019 का चुनाव 
साल 2019 का लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में कराए गए थे. 23 मई को चुनाव के नतीजे घोषित हो गए थे. इस चुनाव में कुल 91.2 करोड़ मतदाता थे. इनमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे. कुल लगभग 61.5 करोड़ वोट डाले गए थे और 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था. साल 2019 के चुनाव नतीजों में बीजेपी ने 303, कांग्रेस ने 52 सीटें जीती थीं. 

2014 का लोकसभा चुनाव 
वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव 10 चरणों में कराए गए थे. पहले चरण के लिए 7 अप्रैल 2014 को वोटिंग हुई. इसके बाद 10वें चरण के लिए 12 मई 2014 को वोट डाले गए थे. 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे 16 मई को आए थे. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान तीन राज्‍यों में विधानसभा चुनाव भी कराए गए थे. इस चुनाव में बीजेपी ने 282 सीटें जीती थीं. एनडीए गठबंधन की बात करें तो 336 सीटें थीं. वहीं कांग्रेस को मात्र 60 सीटें मिली थीं. 
 
क्‍यों इतना लंबा हुआ लोकसभा चुनाव 
चुनाव आयोग के मुताबिक, इलेक्‍शन की तारीख क्षेत्रों के भूगोल और सार्वजनिक छुट्टियों, त्योहारों और परीक्षाओं जैसे अन्य कारकों के आधार पर तय की जाती हैं. देश के भूगोल को देखें तो नदियां, पहाड़, बर्फ, जंगल, गर्मियां और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के बारे में सोचें, वे चरणों के बीच के अंतराल में, देश की लंबाई और चौड़ाई के माध्यम से आगे बढ़ेंगे. उन पर दबाव की कल्पना करें. त्योहार और परीक्षाएं होती हैं, जब हम कैलेंडर के साथ बैठते हैं, तो हम एक तारीख तय करते हैं, फिर उसे बदलना पड़ता है. 

किसने कितनी रैली की
2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने 57 दिन प्रचार किया. 180 दिन के चुनावी कार्यक्रम में औसतन तीन रैली की गई. मई के 30 दिन में 96 चुनावी कार्यक्रम हुए. वहीं, सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने 72 रैली की. इसके अलावा मैनपुरी, कन्नौज, लखनऊ में रोडशो भी किया. राहुल गांधी ने 107 रैलियां और रोड शो किए. प्रियंका गांधी ने 140 से ज्‍यादा रैलियां और रोड शो किए. 100 मीडिया बाइट्स/टिकटैक और इंटरव्यू दिए. 

यह भी पढ़ें : यूपी के इन जिलों में ड्राईडे, आज से 2 दिन बंद रहेंगी शराब की दुकानें

यह भी पढ़ें :  चुनाव यूपी में और प्रचार नेपाल में, आखिरी चरण के चुनाव में सीमावर्ती जिलों में दिखा अनोखा अंदाज

Trending news