आजमगढ़ में फिर खिलेगा कमल या चलेगी साइकिल? निरहुआ और धर्मेंद्र यादव के बीच कांटे का मुकाबला
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आजमगढ़ में फिर खिलेगा कमल या चलेगी साइकिल? निरहुआ और धर्मेंद्र यादव के बीच कांटे का मुकाबला

Azamgarh Lok sabha Seat Chunav: आजमगढ़ लोकसभा सीट छठे चरण की हॉट सीटों में से एक है. यूं तो बीजेपी, सपा और बसपा प्रत्याशी समेत कुल 12 प्रत्याशी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन यहां मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच दिख रहा है.  

आजमगढ़ में फिर खिलेगा कमल या चलेगी साइकिल? निरहुआ और धर्मेंद्र यादव के बीच कांटे का मुकाबला

Azamgarh Lok sabha Seat Chunav: आजमगढ़ लोकसभा सीट छठे चरण की हॉट सीटों में से एक है. यूं तो बीजेपी, सपा और बसपा प्रत्याशी समेत कुल 12 प्रत्याशी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन यहां मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच दिख रहा है. बीजेपी इस सीट को बचाने के लिए जोर लगा रही है तो सपा की कोशिश दोबारा इस पर कब्जा जमाने की है. 

बीजेपी से निरहुआ तो सपा से धर्मेंद्र मैदान में 
2019 लोकसभा चुनाव में यह सीट सपा के खाते में गई थी, बीजेपी के निरहुआ को हराकर अखिलेश यादव यहां से सांसद बने थे. लेकिन विधानसभा जाने के बाद उन्होंने सीट खाली कर दी. 2022 में जब उपचुनाव हुए तो निरहुआ ने हार का बदला लेते हुए सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था. 2024 में एक बार फिर धर्मेंद्र यादव और दिनेश लाल यादव निरहुआ आमने-सामने होंगे. 

2022  उपचुनाव में पहली बार सांसद बने निरहुआ का यह तीसरा चुनाव है. उनकी गिनती भोजपुरी के बड़े एक्टर और सिंगर में होती है. वहीं सपा के धर्मेंद्र यादव दो बार सांसद रह चुके हैं. उनका यह पांचवां चुनाव है. 2009 और 2014 में वह बदायूं से सांसद रह चुके हैं लेकिन 2019 में उनको हार का सामना करना पड़ा था. बसपा ने मशहूद अहमद को टिकट दिया है. वह छात्र राजनीति से जुड़े रहे. इसके बाद नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी और कांग्रेस में भी रहा. उन्होंने कुछ समय पहले ही बसपा का दामन थामा था. 

आजमगढ़ में मुस्लिम यादव फैक्टर निर्णायक माना जाता है. यहां करीब 15 फीसदी मुस्लिम और 17 फीसदी यादव वोटर हैं. जबकि दलित मतदाता करीब 28 फीसदी हैं. धर्मेंद्र यादव के सामने यादव-मुस्लिम वोटरों को एकजुट रखने की चुनौती होगी. बीते चुनाव में सपा की हार का कारण बने बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली सपा के साथ हैं. उनकों सपा ने एमएलसी बनाया है.  

सपा के खाते में सभी विधानसभा सीटें
आजमगढ़ लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा शामिल हैं, जिनमें गोपालपुर, मेंहनगर, आजमगढ़ सदर, मुबारकपुर, सगड़ी विधानसभा सीट शामिल हैं. इन सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. यहां करीब 18 लाख 49 हजार मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदात 9.78 लाख और 8.70 लाख महिला वोटर हैं.  

तीन पूर्व सीएम बने सांसद
यूपी के तीन पूर्व सीएम आजमगढ़ से सांसद रह चुके हैं. 1977 में जनता पार्टी से रामनरेश यादव सांसद बने. सीएम बनने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया. 2014 में सपा संस्थापक और संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव और 2019 में सपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव यहां से जीते थे. 

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