महाकुंभ विच त्वाडा स्वागत है जी... रेलवे स्टेशनों पर हिन्दी-अंग्रेजी ही नहीं, पंजाबी समेत 10 भाषाओं में होगा एनाउंसमेंट
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महाकुंभ विच त्वाडा स्वागत है जी... रेलवे स्टेशनों पर हिन्दी-अंग्रेजी ही नहीं, पंजाबी समेत 10 भाषाओं में होगा एनाउंसमेंट

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर हिन्दी-अंग्रेजी के साथ-साथ पंजाबी और उड़िया सहित दस भाषाओं में अनाउंसमेंट की सुविधा होगी. रेलवे की यह नई व्यवस्था विभिन्न भाषाओं के माध्यम से भारत की विविधता और एकता का प्रतीक बनेगी.
 

Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 प्रयागराजवासियों के लिए अनेक नई सौगातें लेकर आ रहा है. डबल इंजन की सरकार द्वारा इसे एक दिव्य, भव्य, स्वच्छ, सुरक्षित, और सुगम आयोजन बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस उद्देश्य को साकार करने के लिए प्रयागराज रेल मंडल, महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाओं से लैस करने के हरसंभव प्रयास कर रहा है. इस बार विशेष पहल के रूप में पहली बार मल्टी लैंग्वेज एनाउंसमेंट की व्यवस्था की जा रही है, जिससे विविध भाषाएं बोलने वाले लोगों को अपनी भाषा में ट्रेनों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी.

श्रद्धालुओं के लिए सुविधा और सुरक्षा पर जोर
महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और सुगम बनाने के उद्देश्य से प्रयागराज रेल मंडल कई योजनाओं पर कार्यरत है. शहर के सभी रेलवे स्टेशनों का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इसके अलावा, श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं. प्रयागराज रेल मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि इस महाकुंभ में पहली बार मल्टी लैंग्वेज एनाउंसमेंट की जाएगी. इसका लाभ विभिन्न भाषाएं बोलने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगा, जो हिंदी या अंग्रेजी भाषा समझने में असमर्थ हैं.

10 क्षेत्रीय भाषाओं में भी होगी एनाउंसमेंट
रेल मंडल के अनुसार, प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेनों की जानकारी हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ 10 क्षेत्रीय भाषाओं में भी दी जाएगी. इनमें गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बांग्ला, असमिया, उड़िया, और पंजाबी भाषाएं शामिल हैं. इसके लिए विभिन्न रेलवे मंडलों से प्रशिक्षित एनाउंसर बुलाए जा रहे हैं जो अपनी क्षेत्रीय भाषा में एनाउंसमेंट कर सकेंगे.

आश्रय स्थलों में विशेष व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य के अनुसार आश्रय स्थलों में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. प्लेटफॉर्म और आश्रय स्थलों पर लगे स्पीकरों के माध्यम से यात्रियों को उनके गंतव्य की जानकारी दी जाएगी, जिससे स्नान के बाद श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के अपने घरों को लौट सकें.

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डिस्क्लेमर
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