आगरा में मिट्टी में मिल गई शाहजहां-औरंगजेब की ये निशानी, धड़ाधड़ चला बुलडोजर
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2585386

आगरा में मिट्टी में मिल गई शाहजहां-औरंगजेब की ये निशानी, धड़ाधड़ चला बुलडोजर

UP Hindi News: यूपी में बाबा का बुलडोजर अक्सर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है. जी हां, इस बार बुलडोजर अतिक्रमण के खिलाफ नहीं, बल्कि औरंगजेब की हवेली पर चला है. आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला?

 

Agra News

UP Latest News: आगरा के मुगलकालीन रिवरफ्रंट गार्डन की ऐतिहासिक धरोहरें, जिनमें मुबारक मंजिल (औरंगजेब की हवेली), छीपीटोला का शाही हम्माम, यमुना किनारे का जोहरा बाग और दिल्ली हाईवे पर लोदीकालीन मस्जिद शामिल हैं. बीते तीन महीनों में ध्वस्त कर दी गईं.
 
मुगलिया दौर की धरोहर
राजा जयसिंह के 17वीं सदी के नक्शे में 35 नंबर के रूप में दर्ज मुबारक मंजिल, मुगलिया रिवरफ्रंट गार्डन का महत्वपूर्ण हिस्सा थी. इस हवेली का निर्माण सामूगढ़ की लड़ाई के बाद औरंगजेब ने करवाया था. यह स्थान न केवल मुगल बादशाह शाहजहां, शुजा और औरंगजेब के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि ब्रिटिश काल में इसे नमक दफ्तर और कस्टम हाउस के रूप में भी उपयोग किया गया.

राज्य पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित धरोहर घोषित करने की अधिसूचना तीन महीने पहले ही जारी की थी और 30 अक्तूबर तक आपत्तियां मांगी गई थीं. लेकिन अंतिम अधिसूचना जारी होने से पहले ही इस पर बुलडोजर चलाकर इसे ध्वस्त कर दिया गया.

अन्य धरोहरें भी ध्वस्त 
जोहरा बाग तीन मंजिला संरचना दिवाली के दौरान गिरा दी गई. यह तीन मुगल शहंशाहों के दौर की वास्तुकला को समेटे थी. 
शाही हम्माम वर्ष 1620 में अल्लावर्दी खां द्वारा बनवाया गया. यह हम्माम बीते महीने तोड़ा जाने लगा, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाई. लोदीकालीन मस्जिद दिल्ली हाईवे पर स्थित यह मस्जिद एडॉप्ट हेरिटेज में शामिल थी, लेकिन अक्टूबर में इसका गुंबद गिरा दिया गया.

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी राजीव त्रिवेदी ने कहा कि यह मुगलकालीन धरोहरें हैं और इन्हें तोड़ना गैरकानूनी है. निरीक्षण के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इतिहासकारों का दृष्टिकोण
ऑस्ट्रिया की इतिहासकार एब्बा कोच ने अपनी पुस्तक 'रिवरफ्रंट गार्डन ऑफ आगरा' में मुबारक मंजिल का विस्तार से उल्लेख किया है. ब्रिटिश इंजीनियर एसी पोलव्हेल और कार्लाइल की रिपोर्ट में भी इसकी ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित किया गया है.

सवालों के घेरे में संरक्षण
ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण में बरती जा रही लापरवाही सवाल खड़े करती है. आगरा की 197 मुगलकालीन धरोहरें, जो इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, तेजी से नष्ट हो रही हैं. 

इसे भी पढे़ं: अमूल-पतंजलि का 'नकली घी' तो नहीं खा रहे आप, आगरा में मिला जखीरा, हजार रुपये का दाम, लागत 250 भी नहीं

'इमरजेंसी' रिलीज के पहले कंगना रनौत की बढ़ी टेंशन, जनवरी में ही आगरा कोर्ट का बड़ा फैसला

Trending news