Rishikesh karanprayag railway: 2025 तक केवल ब्यासी तक ही पहुंच पाएगी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना की ट्रेन. 2024 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य था मगर अब कहा जा रहा है कि 2025 तक भी सिर्फ ब्यासी तक रेल पहुंच पाएगी. जानें कर्णप्रयाग कब पहुंचेगी यह परियोजना?....
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Rishikesh: केंद्र सरकार और राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य गतिशील है और तेजी से इस कार्य को किया जा रहा है. बड़े- बड़े पहाड़ों पर रेलवे का काम होता देखना बहुत ही सुखद है. यह प्रोजेक्ट धीरे- धीरे आकार ले रहा है. यह कार्य बड़ी स्पीड के आगे बढ़ रहा है. बहुत जल्द ही उत्तराखंड के लोगों को और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के बहुत बड़ी सौगात मिलने जा रही है. ऋषिकेश- कर्णप्रयाग परियोजना लगभग 125 किमी लंबी है. इस परियोजना के अंतर्गत 17 सुरंगे हैं जिनकी कुल लंबाई 6.2 किमी है. इस रेल लाइन में 35 पुल भी बनाए जा रहे हैं. इस पूरे रेलवे रूट पर 12 स्टेशन बनाए जाने हैं. 12 में से 2 स्टेशन जमीन के बाहर और 10 जमीन के अंदर बनाए जाने हैं. ऋषिकेश के कर्णप्रयाग जाने के लिए अभी 7 से 8 घंटे का समय लगता है. इस रेल परियोजना के पूरा होते ही मात्र 2 घंटे में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पहुंच जाएंगे.
2026 तक ट्रेन को कर्णप्रयाग तक पहुंचाने का लक्ष्य
रेल विकास निगम लिमिटेड के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना 2024 तक पूरी होती नजर नहीं आ रही है. रेल विकास निगम ने भारत सरकार को भरोसा दिलाया था कि 2024 के लोक चुनाव से पहले ट्रेन कर्णप्रयाग पहुंच जाएगी. माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री 2024 से पहले इसका उद्घाटन कर सकते थे, लेकिन रेल विकास निगम की माने तो 2025 तक ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना की ट्रेन केवल ब्यासी तक ही पहुंच पाएगी. इसके पीछे का मुख्य कारण कोविड के दौरान लॉकडाउन बताया जा रहा है.
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ऋषिकेश कर्णप्रयाग परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत सिंह यादव ने बताया कि लॉकडाउन के कारण काम में देरी होने से 2024 तक ट्रेन कर्णप्रयाग नहीं पहुंच सकती. हालांकि इसकी डेट लाइन 2024 रखी गई थी. वर्तमान में टनल का 60 फ़ीसदी काम हो चुका है. 127 किलोमीटर टनल बन चुकी है. इसके बाद टनल के भीतर पटरी बिछाने का काम शुरू किया जाएगा. 6 माह के भीतर रेलवे स्टेशन बनने का काम भी शुरू हो जाएगा. 2026 ट्रेन कर्णप्रयाग तक पहुंचाने की उम्मीद है.
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