Ram Mandir Prasad: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्रद्धालु कैसे दर्शन करने के लिए प्रवेश करेंगे और बाहर निकलते समय कहां उनको प्रसाद मिलेगा यह सब श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने तय कर लिया है.
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Ram Mandir Prasad: अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. भव्य मंदिर बनने और प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ रामजन्मभूमि में दर्शन-पूजन की अब तक की परंपरा में बदलाव होने जा रहे हैं. इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फैसला किया है कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में इलायची दाना दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम विलास एंड संस (Ram Vilas & Sons) को श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले प्रसाद को तैयार करने का ऑर्डर दिया गया है.
इस कंपनी को मिला ऑर्डर
कंपनी को 5 लाख पैकेट तैयार करने का ऑर्डर मिला है. इलायची दाना को चीनी और इलायची के मिश्रण से बनाया जाता है. 22 जनवरी से पहले प्रसाद के ये पैकेट तैयार किए जाएंगे. इसके लिए युद्दस्तर पर दिन रात तेजी से कम चल रहा है. इलायची दाने स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं. इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम के साथ और भी तमाम खनिज पदार्थ होते हैं. ये पेट के लिए रामबाण औषधि के रूप में काम करता है. अभी दर्शन के लिए यहां आने वालों को आराध्य के दरबार में उनके सामने ही पुजारी प्रसाद देते हैं. आने वाले समय में वापसी मार्ग पर भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा.
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ट्रस्ट ने दी पूरी जानकारी
22 जनवरी 2024 को जब भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो जाएंगे उसके बाद 23 जनवरी से जब राम भक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे तो उन्हें किस रास्ते से जाना होगा और दर्शन कहां से मिलेंगे यह सब श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने बता दिया है. यही नहीं दर्शन करने के बाद उनको प्रसाद कहां से मिलेगा और वह दर्शन करने के बाद किस रास्ते से बाहर निकलेंगे और बाहर निकलने के वह कहां और जा सकते हैं यह सब कुछ ट्रस्ट ने बता दिया है.
नई व्यवस्थाओं का खाका
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 22 जनवरी के बाद प्रभावी की जाने वाली नई व्यवस्थाओं का खाका खींच रहा है. इसके लिए सभी ट्रस्टियों की राय भी शुमार है. जो भी नए प्रबंध प्रभावी किए जाने हैं. ट्रस्ट की मंशा है कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देश-विदेश से रोजाना 1 लाख से भी ज्यादा की संख्या में आने वाले भक्तों को सुगमता के साथ रामलला के दर्शन कराए जा सकें.