Ayodhya Ram Mandir: बिना लोहे के बना अयोध्या राम मंदिर एक हजार साल हिलेगा भी नहीं, ये 20 खूबियां करेंगी हैरान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2043262

Ayodhya Ram Mandir: बिना लोहे के बना अयोध्या राम मंदिर एक हजार साल हिलेगा भी नहीं, ये 20 खूबियां करेंगी हैरान

Ayodhya Ram Mandir News : अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है. इसकी 20 खासियत आपको हैरान कर देंगी. रामलला की तीन मूर्तियों में से एक का चयन भी कर लिया गया है.

ayodhya ram mandir (फाइल फोटो)

अयोध्या: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने वाला है. इसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है. रामलला की तीन मूर्तियों में से एक का चयन भी कर लिया गया है. अयोध्या राम मंदिर की विशेषताएं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गिनाई हैं.

अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की जानिए विशेषताएं

1. मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित हो रहा है. 
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट रहेगी.
3. मंदिर तीन मंजिला होगा और हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी. मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे.
4. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह) व प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा.
5. मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप
6. खंभों व दीवारों में देवी देवता के साथ ही देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं.
7. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा.
8. मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए रहेगी.
9. मंदिर के चारों ओर चारों ओर आयताकार परकोटा निर्मित होगा जिसके चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर व चौड़ाई 14 फीट होगी.
10. परकोटा के चारों कोनों पर मंदिर बनाए जाएंगे जो सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित होंगे. उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा.

11. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान होगा.
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे.
13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है.
14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है.
15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है.
16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है.
17. मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे. 
18. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र  का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी.
19. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी.
20. मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा.

और पढ़ें-

 पौष पूर्णिमा की रात करें इन विशेष मंत्रों का जाप, कट जाएंगे जीवन के सभी दुख

यहां बनेगी श्री राम की गगनचुंबी प्रतिमा, केवड़िया में सरदार पटेल की मूर्ति भी ऊंची

Trending news