अलीगढ़ में चूहों से आगे निकले बंदर, 30 दिन में 35 लाख रुपये की चीनी खा गए
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अलीगढ़ में चूहों से आगे निकले बंदर, 30 दिन में 35 लाख रुपये की चीनी खा गए

Aligarh News : द किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का ऑडिट जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा द्वारा पिछले दिनों किया गया था. ऑडिट रिपोर्ट में करीब 35 लाख रुपये की चीनी को बंदरों के द्वारा खाने की बात सामने आई है. 

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अभिषेक माथुर/अलीगढ़ : यूपी के अलीगढ़ में भ्रष्टाचार का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां छेरत स्थित साथा चीनी मिल में करीब 35 लाख रुपये की चीनी को बंदरों ने खा लिया. यह खुलासा द किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है. मामले में प्रबंधक, लेखाधिकारी सहित 6 मिल के छह अधिकारियों को दोषी पाया गया है. उनसे धनराशि की रिकवर करने की तैयारी की जा रही है. 

ऐसे हुआ खुलासा 
जानकारी के अनुसार, द किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का ऑडिट जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा द्वारा पिछले दिनों किया गया था. ऑडिट रिपोर्ट में करीब 35 लाख रुपये की चीनी को बंदरों के द्वारा खाने और बारिश में बर्बाद होने की बात सामने आई है. इससे प्रतीत होता है कि यहां चीनी में भ्रष्टाचार किया गया है. 

रिकवरी की जाएगी 
मामले में प्रबंधक राहुल यादव, मुख्य लेखाधिकारी ओमप्रकाश, प्रबंधक रसायनविद एमके शर्मा, लेखाकार महीपाल सिंह, प्रभारी सुरक्षा अधिकारी दलवीर सिंह, गोदाम कीपर गुलाब सिंह को उत्तरदायी माना गया है. उनके खिलाफ गन्ना आयुक्त उपनिदेशक चीनी मिल संघ को रिपोर्ट भेजी गई है. 35 लाख रुपये की रिकवरी किए जाने की संस्तुति की गई है.

व्‍हाइट शुगर के आधार पर आकलन किया गया 
वहीं, इस पूरे मामले पर चीनी मिल के प्रभारी जनरल मैनेजर एमके शर्मा ने बताया कि 35 लाख रुपये की चीनी का आकलन व्हाइट शुगर के आधार पर किया गया है. यहां पीली चीनी, जो कम रेट पर मिलती है, उसमें गड़बड़ी का मामला है. यह करीब 25 साल पुराना केस है. पूर्व में चीनी मिल का वेयरहाउस दूसरी जगह था, जहां से शिफ्टिंग हुई, तो गोदाम कीपर की लापरवाही के कारण माल का आकलन नहीं किया गया. 

विभागीय जांच पूरी हो चुकी 
इसी वजह से अंतर देखने को मिल रहा है. हर साल इसका वैरीफिकेशन होता रहा है. किसी ने भी मौके पर जाकर जांच करने की जहमत नहीं उठाई. अगर जांच होती तो ये देखने को न मिलता. गोदाम कीपर ने कभी भी माल का आकलन नहीं किया और न ही मैनेजमेंट को बताया. उन्होंने कहा कि यह सच है कि एकदम से चीनी कहीं नहीं जा सकती, ये धीरे-धीरे गई है, तभी अंतर आ रहा है. इस मामले में विभागीय जांच हो चुकी है और सभी रिपोर्ट व बयान मिल के जीएम को दे दिए हैं.

डीएम से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग करेंगे 
वहीं, इस पूरे मामले पर भारतीय किसान यूनियन भानू के प्रदेश महासचिव एवं चीनी मिल संघर्ष समिति के पदाधिकारी शैलेन्द्र पाल सिंह ने कहा है कि चीनी मिल में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां 35 लाख रुप्ये की चीनी को बंदरों के द्वारा खा जाने की बात कही जा रही है. इससे प्रतीत होता है कि यहां बड़ा घोटाला हुआ है. इसमें जिलाधिकारी से मुलाकात कर कार्रवाई किए जाने की मांग की जाएगी.

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