Umesh Pal Murder Case: सीएम योगी के खौफ से कांप रहा माफिया अतीक, पेशी पर आते हुए जताया अपना डर; सरकार से की ये गुहार
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Umesh Pal Murder Case: सीएम योगी के खौफ से कांप रहा माफिया अतीक, पेशी पर आते हुए जताया अपना डर; सरकार से की ये गुहार

Mafia Don Atiq Ahmed on Umesh Pal Murder Case: पिछले 40 साल से पूर्वांचल में अपराध का पर्याय बने और दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतारने वाला खूंखार दरिंदा अतीक अहमद अब अपनी जान जाने के डर से थर-थर कांप रहा है. सीएम योगी के सख्त रुख से डरे अतीक ने उनसे एक खास गुहार की है. 

Umesh Pal Murder Case: सीएम योगी के खौफ से कांप रहा माफिया अतीक, पेशी पर आते हुए जताया अपना डर; सरकार से की ये गुहार

Umesh Pal Murder Case Latest Updates: माफिया डॉन अतीक अहमद को जेल से बाहर आते ही सताने लगता है. उसे 16 दिनों के भीतर एक बार फिर से साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है. उमेश पाल हत्याकांड में मंगलवार को यूपी पुलिस वारंट लेकर गुजरात के साबरमती जेल पहुंची थी. जिसके बाद अतीक का साबरमती टू प्रयागराज का सफर शुरू हुआ, जो इस वक्त भी चल रहा है.

मंगलवार दोपहर में कई घंटों की कागजी कार्रवाई करने के बाद यूपी पुलिस अतीक को साबरमती जेल से बाहर लेकर निकली. प्रयागराज पुलिस अपने साथ उन्हीं गाड़ियों को लेकर पहुंची, जो पिछली बार लेकर आई थी. सुरक्षाकर्मियों की टीम भी वही थी. अतीक से यूपी पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ करनी है, इसलिए यूपी पुलिस वारंट लेकर साबरमती जेल पहुंची थी.

अपनी मौत के डर से थर-थर कांप रहा अतीक अहमद

साबरमती जेल से बाहर आए अतीक (Mafia Don Atiq Ahmed) के चेहरे पर मंगलवार को फिर वही डर था. ठीक वैसा ही जैसा पिछली बार दिखा था. गैंगस्टर विकास दुबे के साथ जो हुआ, उसके बाद तो हर अपराधी यूपी पुलिस के साथ सड़क मार्ग से यात्रा करने से डरने लगा है. अपराधियों को डर रहता है कहीं एनकाउंटर ना हो जाए. ना जाने कब गाड़ी पलट जाए. साबरमती जेल से बाहर आते ही अतीक अहमद को फिर वही डर सता रहा है. 

गुजरात के अहमदाबाद से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की दूरी करीब 1300 किलोमीटर है. सड़क मार्ग से ये दूरी 22 से 23 घंटे में पूरी हो जाती है. 16 दिन पहले जब अतीक अहमद को साबरमती से प्रयागराज जेल लाया गया था. उस वक्त भी 22 से 23 घंटे में डॉन की यात्रा खत्म हुई थी. इस वक्त भी यूपी पुलिस की गाड़ियां पूरी रफ्तार से दौड़ रही है. माफिया अतीक अहमद को ला रहे यूपी पुलिस के काफिले में प्रभारी निरीक्षक और 30 कॉन्स्टेबल हैं. काफिले में शामिल जवान बॉडी कैम से लैस हैं. इस काफिले में एक जीप और दो बंदी रक्षक वाहन है. इन्हीं में से एक बंदी रक्षक वाहन में गैंगस्टर अतीक अहमद बैठा है. 

अतीक (Mafia Don Atiq Ahmed) को लाते हुए मंगलवार को यूपी पुलिस के काफिले की एक गाड़ी खराब भी हुई. जिसके बाद अतीक को गाड़ी से नीचे उतारा गया. काफी देर तक यूपी पुलिस का काफिला डूंगरपुर में रूका रहा. इस काफिले के साथ मीडिया की गाड़ियां भी चल रही है. मीडिया को देखकर ही अतीक को अपने आपको सुरक्षित होने का एहसास हो रहा है.अतीक ने मौका मिलते ही दूसरी बार मीडिया के सामने जुबान खोली और कहा कि उनके बच्चों और परिवार को परेशान ना किया जाए. 

'ये लोग मुझे मारना चाहते हैं'

दूसरों को मौत बांटने वाले माफिया अतीक अहमद (Mafia Don Atiq Ahmed) को अब खुद अपनी जान जाने का डर सता रहा है. सीएम योगी के सख्त रुख से कांप रहे माफिया अतीक अहमद ने कहा, ये लोग मुझे मारना चाहते हैं. इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से भी हो सकती थी लेकिन फिर भी मुझे जानबूझकर जेल से निकालकर पेशी पर ले जाया जा रहा है. 

अपने अपराधी परिवार और कुटुंब के लोगों की पकड़ाधकड़ी से डरे हुए अतीक अहमद ने कहा, अदालत का फैसला मुझे मंजूर होगा. वह न्याय करे मगर परिवार को परेशान ना करें. अतीक अहमद ने उमेश पाल अपहरण (Umesh Pal Murder Case) मामले में दी गई सजा को गलत बताया. अतीक ने कहा, जो सज़ा दी गई है वो ज़्यादा और गलत है. सरकार-कोर्ट इस मामले में न्याय करे लेकिन मेरे परिवार को परेशान न किया जाए. 

बता दें कि अपराधियों को लेकर यूपी सरकार बेहद सख्त है. योगी आदित्यनाथ विधानसभा में कह चुके हैं कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. जिसके बाद यूपी सरकार ने ऑपरेशन DESTROY शुरू किया है. अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ एक बड़ा अभियान छेड़ा गया है. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहे कई अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चल रहे है. योगी सरकार कह रही है अपराधी कितना भी बड़ा हो, उसे उसके गुनाहों की सज़ा जरूर मिलेगी. 

फिर साबरमती से लाया जा रहा है अतीक

यूपी पुलिस उसी रूट से अतीक (Mafia Don Atiq Ahmed) को लेकर आ रही है. जिस रूट से पिछली बार अतीक को लाया गया था. साबरमती जेल से राजस्थान के उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां के बाद यूपी पुलिस का काफिला मध्यप्रदेश के शिवपुरी होते हुए झांसी के रास्ते प्रयागराज पहुंचेगा. अतीक अहमद को आज यानी बुधवार को प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा. जहां यूपी पुलिस उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में उसकी कस्टडी रिमांड की मांग करेगी. ताकि उमेश पाल हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ा जा सके. 

पिछली बार अतीक के साथ बरेली की जेल से उसका भाई अशरफ भी प्रयागराज लाया गया था. कोर्ट में अतीक और अशरफ गले मिलकर रोए थे. लेकिन इस बार अतीक अहमद किसी के गले लगकर नहीं रो पाएगा क्योंकि इस बार अशरफ को पेशी के लिए नहीं लाया जा रहा है. अशरफ की सभी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी यानी कोर्ट में अतीक अकेला होगा. 

बता दें कि इस साल 28 मार्च को प्रयागराज की MP/MLA कोर्ट ने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. सजा को सुनकर माफिया अतीक अहमद बच्चों की तरह रोया था. सोचिए, जो अपराधी किसी की जान लेने का फैसला जेल में बैठकर कर लेता है, जेल से ही अपने अपराध की सल्तनत चलाता है. उसे भी अपनी जान का डर सता रहा है. भारी सुरक्षा के बीच जेल से बाहर निकलते वक्त भी अतीक बार-बार कह रहा था कि उसकी हत्या हो सकती है. सिर्फ अतीक ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार की कहानी फिल्मी नहीं जुल्मी है. 

बहुत जुल्मी है अतीक (Mafia Don Atiq Ahmed) गैंग की क्राइम कुंडली

- अतीक अहमद पर पहला केस वर्ष 1984 में यानी 40 साल पहले दर्ज हुआ था. ये एक हत्या का मामला था.

- अतीक पर कुल 101 केस दर्ज हैं. उनमें से 54 मामलों की सुनवाई उत्तर प्रदेश की अलग-अलग अदालतों में चल रही हैं.

- अतीक के छोटे भाई अशरफ पर 52 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

- अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर 3 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें एक मामला उमेश पाल के मर्डर वाला भी है.

- अतीक के दो बेटे उमर और अली पर भी कई मामले दर्ज हैं. ये दोनों जेल में हैं.

जेल में रहने पर अपराधों में नहीं आई कोई गिरावट

अतीक पर यूपी के कई थानों में हत्या, गुंडा एक्ट, अवैध हथियार रखने, गैंगस्टर, बलवा, धोखाधड़ी, हेराफेरी और धमकी के आरोप के कई मुकदमे दर्ज हैं. 
इसमें कुछ मामलों की चर्चा मीडिया में भी खूब हुई जैसे यूपी के चंदौली जिले के चकिया का नस्सन हत्याकांड और बीजेपी नेता अशरफ हत्या का मामला, इसके अलावा माफिया चांद बाबा हत्याकांड और फिर बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड से अतीक अहमद बड़े माफिया के तौर छाया रहा.

अतीक (Mafia Don Atiq Ahmed) को उम्रकैद की सज़ा मिली है यानी वो जेल में रहेगा. लेकिन जेल में रहकर भी वो खतरनाक है. इसका उदाहरण वो वर्ष 2018 में दे चुका है. उस दौर में लखनऊ के एक व्यापारी मोहित जयसवाल का केस चर्चा का विषय बना था. मोहित का अपहरण करने के बाद उसे देवरिया जेल ले जाया गया था. उस वक्त देवरिया जेल में अतीक अहमद मौजूद था. अतीक अहमद ने मोहित जयसवाल को 48 करोड़ की एक प्रॉपर्टी के पेपर पर जबरन हस्ताक्षर करने के लिए अपहरण करके लाया गया था. ये प्रॉपर्टी अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर के नाम की गई थी.

उमेश पाल की हत्या ने ठोंक दी गैंग की कब्र में कील

इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में घर के बाहर उमेश पाल की गोली और बम मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, बेटा असद समेत पूरे कुनबे के खिलाफ FIR दर्ज है. इसी उमेश पाल हत्याकांड ने अब अतीक एंड फैमिली की उलटी गिनती शुरू कर दी है.

माफिया अतीक अहमद (Mafia Don Atiq Ahmed) को कड़ी सुरक्षा के बीच यूपी पुलिस साबरमती से प्रयागराज ला रही है. 1300 किलोमीटर के इस सफर में कोई चूक ना हो इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम है. 

एक राज्य से दूसरे राज्य तक किसी कैदी को सड़क मार्ग से लाना पुलिस के लिए बहुत बड़ा चैलेंज होता है. साबरमती से प्रयागराज तक अतीक अहमद को सही सलामत लाना भी यूपी पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज है. किसी भी कैदी को शिफ्ट करते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है.

कैदी को लाने के लिए इन नियमों का किया जाता है पालन

- किसी भी कैदी को एक जेल से दूसरी जेल लाने के लिए ट्रेन या पुलिस एस्कॉर्ट वाहन का इस्तेमाल किया जाता है.

- दोनों परिस्थितियों में ट्रांसफर का खर्च कैदी को लाने वाले पुलिस विभाग को उठाना पड़ता है.

- बड़े और खतरनाक अपराधियों को आमतौर से पुलिस एस्कॉर्ट वाहन से ही भेजा जाता है.

- कैदी के ट्रांसफर के वक्त जेल अधिकारियों को बताना होता है कि कैदी को कितना खतरा है, जेल में कैदी का व्यवहार कैसा था. इसके आधार पर फैसला होता है कि कैदी को ट्रेन से भेजना है या पुलिस एस्कॉर्ट के साथ.

- ट्रेन से भेजने पर 48 घंटे पहले स्टेशन मास्टर को जानकारी दी जाती है.

- ट्रांसफर अगर दो राज्यों के बीच है तो दोनों राज्य सरकारों की अनुमति जरूरी होती है.

- एस्कॉर्ट वाहन की सुरक्षा का जिम्मा कमांडिंग ऑफिसर का होता है.

- बीच रास्ते में कैदी कुछ खाता है तो उसका खर्च भी पुलिस ही वहन करती है.

पुलिसकर्मियों के लिए होता है बहुत बड़ा चैलेंज

कैदियों को जेल से कोर्ट या कोर्ट से जेल या फिर एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करते समय पुलिस कर्मियों के सामने बहुत बड़ा चैलेंज होता है. कई बार कैदी पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो जाते है, जिसकी गाज सुरक्षाकर्मी पर गिरती है. जबतक कैदी को वापस सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया जाता, तब तक सुरक्षाकर्मियों की जान हलक में अटकी रहती है.

इस मामले में उमेश पाल (Umesh Pal Murder Case) की मां शांति देवी ने कहा कि माफिया अतीक अहमद (Mafia Don Atiq Ahmed) राक्षस है. वह जेल में रहकर भी उतना ही खतरनाक है, जितना बाहर रहकर. उम्र कैद की सजा से उस पर कोई असर नहीं होगा. उसके अपराध वैसे ही चलते रहेंगे और बेगुनाह पहले की तरह मरते रहेंगे. शांति देवी ने मांग की कि अतीक अहमद को फांसी पर लटका कर मार देना चाहिए, वहीं उमेश पाल की पत्नी ने अतीक का एनकाउंटर करने की मांग की. 

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