MCD Elections: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के हनन का आरोप लगाया.
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Delhi Congress: MCD के चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं दिल्ली में सियासी हलचल बढ़ती जा रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र में बीजेपी सरकार और दिल्ली में केजरीवाल सरकार के 8 वर्षों के शासन में दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के हनन किया गया. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में दिल्ली कांग्रेस 2 अक्टूबर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दलित-अल्पसंख्यक महासम्मेलन का आयोजन करेगी.’
अनिल कुमार ने बताया कि महासम्मेलन का आयोजन इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में दोपहर 12 बजे होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी द्वारा दलितों-अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता के खिलाफ कांग्रेस लड़ती रहेगी.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वार्ड परिसीमन ड्राफ्ट में दलितों और अल्पसंख्यकों की जनसंख्या को विभाजित करके उनकी आवाज को दबाने का काम बीजेपी ने आर.एस.एस. के इशारे पर किया है. इसके विरोध में दिल्ली कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल दो बार चुनाव आयोग के समक्ष दिल्लीवासियों से प्राप्त आपत्तियां और सुझाव दर्ज करा चुका है, जिसमें एक बार मैं स्वयं चुनाव आयुक्त से मिला था.
परिसीमन निष्पक्षता पूर्ण होना चाहिए
अनिल कुमार ने कहा कि परिसीमन निष्पक्षता पूर्ण सभी धर्मों, वर्गों को बराबरी का दर्जा देने के अनुसार होना चाहिए और वार्डों में जनसंख्या का संतुलन क्षेत्रवार सभी वर्गों की समानता के आधार पर किया जाना चाहिए.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने परिसीमन ड्राफ्ट में दलितों और अल्पसंख्यक वर्ग के बहुल वार्डों में जिस तरीके से अपना हित साधकर इनको विभाजित करके अलग-थलग किया है, उससे इनके मताधिकार को महत्व को ही खत्म कर दिया है.
चौधरी अनिल कुमार ने कहा बीजेपी ने अपनी हार को टालने के लिए 272 वार्ड को 250 करना किया है. उन्होंने कहा कि वार्डों में जनसंख्या विभाजन में दलित-अल्पसंख्यक वर्ग को मनमाने ढंग से विभाजित करके भेदभाव को बढ़ाने का काम किया है.
‘आप सरकार ने दलित-अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया’
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली में दलित और अल्पसंख्यक वर्ग पिछड़ा हुआ है जिसके विकास के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने कोई कदम नही उठाए हैं, यहां तक बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से ये वर्ग सबसे अधिक प्रभावित रहे है. सरकारों ने इन वर्गों के अधिकारों को छीनने में कई आदेश पास किए हैं.
दलित-अल्पसंख्यक वर्गों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार की दलित उपेक्षा इस बात से साबित हो जाती है कि आप सरकार 5 वर्षों में दलित उत्थान के 16.75 प्रतिशत फंड इस्तेमाल नही कर पाई जबकि 2020-21 में दलित फंड 4.6 प्रतिशत खर्च किया और कुल बजट में से 9158 करोड़ रुपये कम खर्च किए.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा में काम करने वाले अधिकांश दलित वर्ग, निम्न, गरीब और मध्यम वर्ग से हैं. बीजेपी और आप ने चुनावी घोषणा के बावजूद 8 वर्षों में इन लोगों को स्थायी नौकरी नहीं दी.
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