UP Name Change: यूपी के इस गांव का बदला नाम तो लोग बोले- सरकार ने मिटा दिया कलंक, अब गर्व से बोल सकेंगे
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UP Name Change: यूपी के इस गांव का बदला नाम तो लोग बोले- सरकार ने मिटा दिया कलंक, अब गर्व से बोल सकेंगे

Telia Afghan to Telia Shukla: इस बदलाव से तेलिया शुक्ल गांव के लोग काफी खुश हैं. उनका कहना है कि नाम बदलकर सरकार ने कलंक को मिटा दिया है, अब हम गर्व से अपने गांव का नाम ले सकेंगे, पहले किसी को भी बताने में हिचकिचाहट होती थी.

UP Name Change: यूपी के इस गांव का बदला नाम तो लोग बोले- सरकार ने मिटा दिया कलंक, अब गर्व से बोल सकेंगे

Name Changed in UP: उत्तर प्रदेश में शहरों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की सिफारिश के बाद गृह मंत्रालय ने दो स्थानों के नाम को बदलने पर अपनी मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद गोरखपुर से सटे देवरिया के एक गांव का नाम तेलिया अफगान से बदलकर तेलिया शुक्ल कर दिया गया है. वहीं,  गोरखपुर जिले में नगर पालिका परिषद मुंडेरा बाजार का नाम बदलकर चौरी-चौरा कर दिया गया है.

इस बदलाव के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से एनओसी भी जारी कर दी गई है. इस बदलाव से तेलिया शुक्ल गांव के लोग काफी खुश हैं. उनका कहना है कि नाम बदलकर सरकार ने कलंक को मिटा दिया है, अब हम गर्व से अपने गांव का नाम ले सकेंगे, पहले किसी को भी बताने में हिचकिचाहट होती थी. इस मौके पर लोगों ने एक दूसरे को बधाई भी दी है.

कई शहरों के बदले नाम

दरअसल, योगी आदित्यनाथ के सरकार में आने के बाद से उत्तर प्रदेश के जिलों, शहरों, गांवों और रेलवे स्टेशनों के नामों के बदलने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में इलाहाबाद को प्रयागराज किया गया. वहीं, गोरखपुर का उर्दू बाजार अब हिंदी बाजार हो गया और मुगलसराय रेलवे स्टेशन अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के नाम से जाना जाता है.

यही नहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार की शिफारिश पर हुमायूंपुर का नाम हनुमान नगर, मीना बाजार का नाम माया बाजार, अलीनगर का नाम आर्य नगर और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया जा चुका है. इस कड़ी में दो नाम और जुड़ चुके हैं. अब देवरिया जिले के बरहज तहसील इलाके के तेलिया अफगान गांव का नाम बदलकर तेलिया शुक्ल कर दिया गया है. वहीं,  मुंडेरा बाजार का नाम चौरी-चौरा हो गया है.

क्यों पड़ा था अफगान नाम?

तेलिया शुक्ल नाम होने के बाद गांव के लोगों ने कहा कि उनका गांव ब्रिटिश काल के जमाने का है, जहां एक समय में अंग्रेजों का राज रहा. हालांकि, यह अफगानों का गांव था, इसलिए इसे तेलिया अफगान नाम से पुकारा जाने लगा और देखते ही देखते सरकारी कागजों में भी यही नाम लिखा जाने लगा. हालांकि, लोग इसे तेलिया शुक्ल के नाम से ही पुकारते रहे हैं.

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