Parliament Monsoon Session: कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बयान पर गुरुवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
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Adhir Ranjan Controversial Remark: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बयान पर गुरुवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया. सदन के स्थगित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच बहस हो गई.
ये है पूरा मामला
लोकसभा की कार्यवाही के स्थगित होने के बाद बीजेपी के सांसद 'सोनिया गांधी माफी मांगो' का नारा लगा रहे थे. ये नारा 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लग रही थी. जब सदन स्थगित हो गया तो सोनिया गांधी सदन से बाहर जा रही थीं. लेकिन नारेबाजी के बीच सोनिया गांधी वापस लौट कर बीजेपी सांसद रमा देवी के पास गईं और कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने माफी मांग ली है.
सोनिया -स्मृति में बहस, संसद में दोनों के बीच नोकझोक हुई | #Breaking #SmritiIrani #adhirranjan #SoniaGandhi pic.twitter.com/HdnA2P5I2Z
— Zee News (@ZeeNews) July 28, 2022
इसी बीच रमा देवी के पास खड़ीं स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी से कुछ कहा. सोनिया ने जोर से कहा Don't talk to me. इसके बाद स्मृति और सोनिया गांधी के बीच तीखी बहस हुई. ये बहस 2 से 3 मिनट चली. गौरव गोगोई , सुप्रिया सुले ने आकर सोनिया गांधी को लेकर वापस गए.
इससे पहले स्मृति ईरानी ने लोकसभा में कहा कि सोनिया गांधी, आपने द्रौपदी मुर्मू के अपमान को मंजूरी दी. सोनिया जी ने सर्वोच्च संवैधानिक पद पर महिला के अपमान को मंजूरी दी. दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित होने से पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में मौजूद थीं.
इस बीच अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि उन्हें सदन में सफाई देने का मौका दिया जाए. अधीर रंजन ने ओम बिरला को लिखी चिट्ठी में कहा कि उन्हें सदन के पटल पर बोलने का मौका दिया जाए.
अधीर रंजन ने क्या कहा था?
बता दें कि अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर संबोधित किया था. इसके बाद बीजेपी ने अधीर रंजन को घेर लिया. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्र की पत्नी के रूप में संबोधित किया जाना भारत के हर मूल्य और संस्कार के विरुद्ध है. यह जानते हुए कि यह संबोधन उस सर्वोच्च..... सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा पर आघात करता है, तब भी कांग्रेस के एक पुरुष नेता ने यह घृणित कार्य किया है.’
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