भोले बाबा और विधायक... जब न्यायिक आयोग पहुंचा 'साकार हरि', दो घंटे तक चली पेशी; फिर क्या हुआ?
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भोले बाबा और विधायक... जब न्यायिक आयोग पहुंचा 'साकार हरि', दो घंटे तक चली पेशी; फिर क्या हुआ?

Lucknow News: हाथरस भगदड़ के करीब तीन महीने बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल लखनऊ में न्यायिक आयोग के सामने पेश हुआ. गुरुवार को लखनऊ में उससे बंद कमरे में करीब 2 घंटे पूछताछ हुई. 

 

लखनऊ में हजरतगंज स्थित न्यायिक आयोग के ऑफिस से जाते हुए 'भोले बाबा'

Hathas stamped Update: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में पिछली दो जुलाई को अपने सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ घटना की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के सामने आज पेश हुए. लखनऊ में इस दौरान पुलिस का कड़ा पहरा रहा. जनपथ मार्केट में लोगों का आवागमन रोका गया. भोले बाबा विधायक के साथ जनपद पहुंचे थे. करीब दो घंटे तक उनसे पूछताछ चली.  हालांकि, नारायण साकार हरि के नाम से भी पहचाने जाने वाले सूरजपाल का नाम हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में दो जुलाई को भगदड़ के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपी के रूप में शामिल नहीं है.

वकील का दावा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 3 जुलाई को हाथरस त्रासदी की जांच और भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था. सूरजपाल के वकील ए.पी. सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘न्यायिक आयोग का कार्यालय यहां (लखनऊ) है और आज नारायण साकार हरि (सूरजपाल) को बयान देने के लिए यहां बुलाया गया था.’

11 हुए थे गिरफ्तार

सिंह ने कहा, ‘हमें उत्तर प्रदेश पुलिस, न्यायपालिका, राज्य सरकार और केंद्र पर पूरा भरोसा है. हमारे साथ न्याय होगा.’ उन्होंने कहा, ‘हमने वादा किया था कि जब भी कोई जांच पैनल या जांच एजेंसी नारायण साकार हरि को बुलाएगी, तो वह उपस्थित होंगे. उन्हें आज बुलाया गया था, इसलिए वह यहां आए हैं. उनसे जो भी पूछा जाएगा वह उस पर अपना बयान देंगे.’

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भगदड़ कांड मामले में पुलिस ने स्वयंभू बाबा सूरजपाल के कार्यक्रम के आयोजन में शामिल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों में से एक मंजू यादव फिलहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश से जमानत पर बाहर है.

इस मामले में पंजीकृत प्राथमिकी में सूरजपाल का नाम आरोपी के रूप में दर्ज नहीं है. पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.

हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में इसी साल दो जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं.

जहरीले पदार्थ’ के कारण भगदड़ मची: 'साकार हरि'

पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों पर कार्यक्रम में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के शामिल होने की बात कहकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली थी मगर वहां ढाई लाख लोगों की भीड़ एकत्र हो गयी.

हालांकि, भोले बाबा के वकील ने दावा किया है कि ‘कुछ अज्ञात लोगों’ द्वारा छिड़के गए ‘किसी जहरीले पदार्थ’ के कारण भगदड़ मची.

(इनपुट: PTI भाषा)

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