Rohini Shootout: फिल्‍मी है स्‍टोरी, शूटरों को दिलाई गई 1 महीने तक वकीलों की ट्रेनिंग
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Rohini Shootout: फिल्‍मी है स्‍टोरी, शूटरों को दिलाई गई 1 महीने तक वकीलों की ट्रेनिंग

Rohini Shootout: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट नम्बर 207 में दो शूटरों ने जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्याकर दी थी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर भी मारे गये थे. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस शूटआउट में टिल्लू को जेल से जबकि साजिश में शामिल उमंग यादव को हैदरपुर से गिरफ्तार किया था. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के रोहिणी में हुए सनसनीखेज शूटआउट (Rohini Shootout) मामले में पुलिस ने 111 पेज की चार्जशीट दायर की है. जिसमें पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की जांच में पता चला है कि रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के लिए गैंगस्टर टिल्लू ने दोनों शूटरों को एक महीने की खास ट्रेनिंग दिलाई थी. प्लानिंग के मुताबिक पहले गोगी की सुरक्षा की रेकी करनी थी.

  1. दिल्ली में 'गोगी' के मर्डर का मामला
  2. शूटरों को मिली थी वकालत की ट्रेनिंग
  3. रोहिणी शूट आउट मामले में खुलासा

फिल्मी स्टाइल में मर्डर

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की जांच में पता चला है कि रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के लिए गैंगस्टर टिल्लू ने दोनों शूटरों को एक महीने की खास ट्रेनिंग दिलाई थी. प्लानिंग के मुताबिक पहले गोगी की सुरक्षा की रेकी करनी थी.

फर्जी वकालत की ट्रेनिंग

शूटरों को देखकर किसी को शक न हो इसलिए उन्हों वकीलों जैसा दिखने, उनके जैसा प्रोफेशनल व्यवहार करने की बाकायदा ट्रेनिंग दिलवाई गई थी. वकालत की ट्रेनिंग आरोपी उमंग के हैदरपुर स्थित घर में दी गई जो खुद पेशे से वकील है. क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की चार्जशीट में मंडोली जेल में बंद टिल्लू द्वारा योजना तैयार करने से लेकर उसे पूरी करने तक की घटना की पूरी जानकारी दी है. 

24 सितंबर को हुआ था शूटआउट

आपको बता दें कि दिल्ली की रोहिणी कोर्ट नम्बर 207 में दो शूटरों ने जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्याकर दी थी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर भी मारे गये थे. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस शूटआउट में टिल्लू को जेल से जबकि साजिश में शामिल उमंग यादव को हैदरपुर से गिरफ्तार किया था. आरोपी उमंग ने बताया कि वो एलएलबी कर चुका है.

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साजिश की पटकथा

चार्जशीट में पुलिस ने लिखा है कि आरोपी से पूछताछ में उसने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले रोहिणी कोर्ट में उसकी मुलाकात उमेश काला नाम के बदमाश से हुई थी.
उसके बाद उमेश जेल से व्हाट्स एप काल के जरिए उससे बात करता था. जेल से ही उमेश ने उमंग की बात टिल्लू से करवाई तो टिल्लू उमंग को फोन करने लगा. टिल्लू ने उमंग के पास 23 अगस्त को जगदीप एवं राहुल नाम के शूटर को भेजा. टिल्लू ने उमंग से कहा कि इन्हें वकील जैसी ट्रेनिंग देनी है क्योंकि यही दोनों गोगी पर हमला करेंगे.

पानीपत तक बिछाया था जाल

दरअसल 13 सितंबर को जब गोगी को पानीपत कोर्ट में हर्षिता दहिया हत्याकांड के मामले में पेश किया गया तब उमंग और जगदीप गोगी की सुरक्षा देखने के लिए वहीं थे
दोनों ने टिल्लू को बताया कि उसकी सुरक्षा बेहद कड़ी है. रोहिणी शूटआउट के एक दिन पहले 23 सितम्बर को मुरथल में उमंग और जगदीप ने  राकेश ताजपुरिया नाम के बदमाश से हथियार लिए थे. फिर उसी दिन उमंग और जगदीप ने एम्स के पास एक शख्स से वकीलों की ड्रेस का इंतजाम किया.
 
इस बीच टिल्लू जेल से व्हाट्स एप काल के जरिए दोनों से लगातार संपर्क में था. मंडोली जेल में टिल्लू के साथ नीरज बवाना का करीबी नवीन बाली भी बंद था. नवीन ने गोगी के कोर्ट में पेश होने की तारीख टिल्लू को बताई. नवीन ने ही पंजाब की जेल में बंद कौशल चौधरी के जरिए हथियार की व्यवस्था कराई. गोगी को मरवाने के लिए नवीन ने नेपाली शूटर का इंतजाम किया था.

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नेपाली मूल का शूटर हत्याकांड वाले दिन 24 सितम्बर को कोर्ट के पास गया भी लेकिन उमंग ने टिल्लू को फोन कर कहा कि वो वकील की ड्रेस में ठीक नहीं लग रहा है
इसके बाद टिल्लू ने नेपाली शूटर को वापस जाने के लिए कहा. उमंग अपने दोस्त की कार में तीनों शूटरों को लेकर रोहिणी कोर्ट में पहुंचा था. तीनों शूटर पैदल ही कोर्ट के अंदर गये जबकि उमंग कार से अंडरग्राउंड पार्किंग में चला गया.

घबरा गया था आरोपी

उमंग वहां से हथियार लेकर कोर्ट के सामने बाथरूम में तीनों शूटरों से मिला. इसके बाद वो नेपाली शूटर के साथ कार लेकर बाहर चला आया. उमंग को गोगी समेत दोनों शूटरों की मौत का पता चला तो वह घबड़ा गया था. उसने तुरंत सिम को तोड़कर और सीसीटीवी की डीवीआर को निकालकर रसोईघर की चिमनी में छिपा दिया था

वारदात में कुल 9 मोबाइल नम्बरों का इस्तेमाल हुआ ,जिसमें एक नम्बर विदेश का है. केवल वॉट्स एप या सिग्नल एप के जरिये हो बात होती थी. इनमें कई नंबर फर्जी दस्तवेजों के जरिये लिए गए थे. टिल्लू को जेल में लगे सीसीटीवी से गोगी की हत्या का पता चला. लेकिन जब उसे पता चला कि दोनों  शूटर भी मारे गये हैं तो उसने अपना फोन तोड़ कर फेंक दिया था. 

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