नीतीश के संकटमोचक संजय झा JDU के राज्यसभा उम्मीदवार, यूं ही नहीं हैं सीएम के खासमखास
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नीतीश के संकटमोचक संजय झा JDU के राज्यसभा उम्मीदवार, यूं ही नहीं हैं सीएम के खासमखास

Sanjay Jha: दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़े-लिखे संजय झा मिथिला में अच्छी खासी धमक रखते हैं. वे जदयू का ब्राह्मण चेहरा भी हैं. झा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत बीजेपी से की थी और वे अरुण जेटली के बहुत खास थे. नीतीश से उनकी मुलाकात जेटली के ही माध्यम से हुई थी.

नीतीश के संकटमोचक संजय झा JDU के राज्यसभा उम्मीदवार, यूं ही नहीं हैं सीएम के खासमखास

JDU Rajyasabha Candidate: नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और नीतीश के करीबी संजय कुमार झा को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है. वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य झा राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार होंगे. राज्यसभा के के तहत बिहार की छह सीटों पर चुनाव होगा जिनमें से एनडीए तीन सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. इसके अलावा बीजेपी ने पार्टी की प्रदेश महिला प्रकोष्ठ की प्रमुख धर्मशीला गुप्ता और प्रदेश उपाध्यक्ष भीम सिंह को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है. लेकिन जो सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, वो हैं संजय झा. सीएम नीतीश के बेहद खास माने जाने वाले संजय झा लंबे समय से नीतीश के लिए संकटमोचक का काम करते रहे हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने में संजय झा का बड़ा रोल रहा है.

असल में संजय झा बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले हैं. JNU से पढ़ाई करने वाले संजय कुमार झा अरुण जेटली से जुड़े रहे हैं. संजय झा का अपना पब्लिकेशन का बिजनेस है. संजय झा मिथिलांचल में जदयू के बड़े नेता माने जाते हैं. लेकिन उनकी शुरुआत दिल्ली राजनीति से ही हुई थी. वे बीजेपी में थे और अरुण जेटली के करीब आ गए. फिर उनकी मुलाकात जेटली के सामने ही नीतीश कुमार से हुई थी. फिर उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी 2012 में ज्वाइन कर ली. 2014 में संजय झा दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव हार गए लेकिन इसके बावजूद भी नीतीश ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया और बिहार में कैबिनेट मंत्री भी बने. 

नीतीश के बड़े सिपहसालारों में से एक
इसके बाद से संजय झा नीतीश के बड़े सिपहसालारों में से एक हो गए. दिल्ली में रहने वाले संजय झा की मजबूत पकड़ मिथिलांचल में मानी जाती है। यही कारण रहा कि वे दिल्ली चुनाव में पार्टी के लिए सक्रिय भूमिका में रहे थे। अब जबकि उन्हें पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवार बना दिया है तो वे फिर चर्चा में आ गए हैं. जब जेडीयू की बीजेपी के साथ गठबंधन टूटा था और महागठबंधन की सरकार बनी थी तो वे तीसरी बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे. वे एमएलसी थे. संजय झा के तीन बच्चे हैं. दो बेटियां स्टैनफोर्ड और हॉर्वर्ड से LLM की पढ़ाई कर चुकी हैं. बेटा इंजीनीयर है.

बीजेपी और जेडीयू के बीच के सेतु
जल संसाधन मंत्री रहते संजय झा की बिहार को बाढ़ से काफी हद तक बचाने में अहम भूमिका रही है. बीजेपी और जेडीयू के बीच इन्होंने कई बार सेतु का काम भी किया था. 2017 में भी जब नीतीश कुमार एनडीए में आए थे तब इनकी ही बड़ी भूमिका थी, वहीं इस बार भी एनडीए के साथ लाने में संजय की बड़ी भूमिका रही है. फिलहाल वो पार्टी के एमएलसी और राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. सीएम नीतीश कुमार के साथ वो अक्सर कई कार्यक्रम में दिख जाते हैं. बयानबाजियों से अक्सर दूर रहने वाले संजय झा का राज्यसभा पहुंचना लगभग तय है. 

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