'शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं', संदेशखाली पर HC सख्त
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'शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं', संदेशखाली पर HC सख्त

Sandeshkhali HC Hearing: संदेशखाली कांड के आरोपी शाहजहां शेख का बचना अब मुश्किल हो गया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए.

'शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं', संदेशखाली पर HC सख्त

Shah Jahan Sheikh Arrest: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के संदेशखाली में हुई घटना (Sandeshkhali Incident) पर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) सख्त है. संदेशखाली कांड का संज्ञान लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने जो मामला शुरू किया था, उस केस में शाहजहां शेख (Shah Jahan Sheikh) को पार्टी बनाया गया है. हाईकोर्ट ने कहा कि शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. उसे गिरफ्तार किया जाए. अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी. कोर्ट की तरफ से नियुक्त आब्जर्वर रिपोर्ट देंगे. ED और CBI को भी मामले में पार्टी बनाया गया है. अखबार में नोटिस देकर बताया जाएगा कि शाहजहां शेख को पार्टी बनाया गया है.

कहां है शाहजहां शेख?

बता दें कि शाहजहां शेख संदेशखाली कांड का आरोपी है. शाहजहां शेख बीते 5 जनवरी से फरार है. एजेंसी को उसकी तलाश है. दरअसल, पिछले महीने की 5 तारीख को जब ईडी की टीम शाहजहां शेख के ठिकाने पर छापा मारने पहुंची थी तो उसने अपने गुर्गों की मदद से एजेंसी की टीम पर जानलेवा हमला करवा दिया था. इसमें ईडी के टीम के कई मेंबर घायल हो गए थे. इसी घटना के बाद संदेशखाली कांड का खुलासा हुआ था.

शाहजहां शेख पर संगीन आरोप

जान लें कि जब से शाहजहां शेख ने ईडी की टीम पर हमला करवाया, तब से ही वह रडार पर है. इस घटना के बाद संदेशखाली की कई महिलाएं निकलकर सामने आईं और अपने साथ हुई आपबीती के बारे में बताया. पीड़ित महिलाओं ने बताया कि शाहजहां शेख और उसके गुर्गों ने महिलाओं की जमीन पर कब्जा कर रखा है. इसके अलावा, महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप भी लगाया.

संदेशखाली में शाहजहां शेख का खौफ

संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने ये भी बताया कि इलाके में शाहजहां शेख का खौफ है. शाहजहां शेख और उसके गुर्गे आते थे और जो सुंदर महिला दिख जाए उसे पार्टी ऑफिस में बुला लेते थे. दफ्तर में उस महिला के साथ यौन शोषण किया जाता था. कई दिनों तक उसे पार्टी ऑफिस में ही रखा जाता था. इन संगीन आरोपों के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और सुनवाई की.

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