Mulayam Singh Yadav Funeral: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. वह 22 अगस्त से हॉस्पिटल में एडमिट थे. उन्होंने 82 साल की आयु में अंतिम सांस ली.
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Mulayam Singh Yadav Cremation: समाजवाद के नायक और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. इटावा के सैफई के मेला ग्राउंड में उनका अंतिम संस्कार हुआ. मुलायम के बेटे और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में जनसैलाब उमड़ा. समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव का सोमवार को गुरुग्राम के निजी मेदांता अस्पताल में 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उनके पार्थिव शरीर को सोमवार शाम सैफई लाया गया और उनकी ‘कोठी’ में रखा गया, जहां हजारों लोग ‘नेता जी’ को अंतिम सम्मान देने के लिए पहुंचे. मुलायम अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे.
साइकिल, मोटरसाइकिल, कार, एसयूवी और परिवहन के अन्य साधनों में सवार सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और लोग आस-पास के इलाकों से मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सैफई पहुंचे. पूरा सैफई मानो दूधिया सागर की तरह लग रहा था क्योंकि सफेद कपड़ों में वहां हर क्षेत्र से लोग पहुंचे थे और कई लोग अपनी-अपनी छतों पर थे. कुछ लोग पेड़ पर चढ़ गए थे तो कुछ अपने प्रिय नेता ‘धरती पुत्र’ को ले जा रहे वाहन को छूने का प्रयास कर रहे थे.
#WATCH | Last rites of Samajwadi Party (SP) supremo and former Uttar Pradesh CM Mulayam Singh Yadav being performed at his ancestral village, Saifai in Uttar Pradesh pic.twitter.com/nBUezhZqq1
— ANI (@ANI) October 11, 2022
अंतिम दर्शन के लिए लोगों की कतार लग गई
मंगलवार की सुबह बूंदाबांदी होने के कारण मुलायम सिंह यादव की कोठी के बाहर उनके अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोगों की कतार लग गई. भारी सुरक्षा और जनसैलाब के बीच सैफई में मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार की तैयारी जोरों पर है. मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार मंगलवार को सैफई के मेला ग्राउंड में दोपहर बाद होगा.
समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार को लेकर मंच तैयार करने के लिए यहां रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी के बीच कई लोग और मशीनें रात भर काम करती रहीं. मंच तैयार करने से पहले क्षेत्र में धातु के ढांचे की मदद से विशाल तिरपाल खड़ा कर पंडाल भी बनाया गया. मंच और पंडाल दोनों मेला ग्राउंड परिसर के अंदर बनाए गए हैं, जहां पांच साल पहले तक प्रसिद्ध वार्षिक सैफई महोत्सव आयोजित किया जाता था. मंच ईंट और सीमेंट से बना है और इसमें मिट्टी भरी हुई है और लगभग तीन फीट ऊंचा है. मंच मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के स्मारक के ठीक बगल में है, जिनका 2003 में निधन हो गया था.
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना समेत राज्य सरकार के कई मंत्री श्रद्धांजलि देने सैफई पहुंचे. भीड़ उमड़ जाने पर शिवपाल सिंह यादव ने लोगों से शांति बनाए रखने और अपनी जगह खड़ा रहने की अपील की. सभी लोग किसी तरह नेता जी का अंतिम दर्शन करना चाहते हैं.
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता रीता बहुगुणा जोशी उन नेताओं में शामिल हैं, जो मुलायम सिंह यादव को अंतिम विदाई देने के लिए यहां सैफई मेला ग्राउंड पंडाल में जल्दी पहुंचे.मुलायम सिंह यादव की अर्थी के पास के पास खड़े सपा नेता धर्मेंद्र यादव अपने आंसू नहीं रोक पाए. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू ने यादव के निधन को ‘उत्तर प्रदेश के लिए नुकसान’ करार दिया.
वरिष्ठ सपा नेता आजम खान ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को अंतिम श्रद्धांजलि दी. इसके पूर्व मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह मुलायम सिंह यादव (नेता जी) के पैतृक आवास से मेला ग्राउंड के लिए एक रथ पर लेकर परिवार के लोग रवाना हुए. रथ पर मुलायम के पुत्र और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत परिवार के सदस्य सवार थे. रथ मेला ग्राउंड में पहुंचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया.
मेला ग्राउंड में यादव को अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए एक मंच बनाया गया है. इसी मंच पर नेता जी का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. इस मंच पर अखिलेश यादव के अलावा उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव समेत परिवार के कई सदस्य नजर आए. परिवार के सदस्यों ने सबसे पहले पुष्प चक्र अर्पित कर नेता जी को अंतिम विदाई दी. पूर्व सांसद डिंपल यादव समेत परिवार की महिलाएं भी मौजूद थीं. ओमप्रकाश सिंह समेत सपा के कई नेताओं ने भी यादव के अंतिम दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
अपने समर्थकों के बीच हमेशा ‘‘नेता जी’’ के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव बीमार होने के बावजूद कभी सियासी फलक से ओझल नहीं हुए. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव ने राज्य का सबसे प्रमुख सियासी कुनबा भी बनाया.
वह 10 बार विधायक रहे और सात बार सांसद भी चुने गए। वह तीन बार (वर्ष 1989-91,1993-95 और 2003-2007) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1996 से 98 तक देश के रक्षा मंत्री भी रहे. एक समय उन्हें प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर भी देखा गया था. मुलायम सिंह यादव के पुत्र और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी (2012-2017) तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
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