Darul Uloom on Ghazwa e Hind: सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर गजवा ए हिंद को जायज ठहराया है. दारुल के इस फतवे पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग बुरी तरह भड़क गया है. उसने जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
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Saharanpur Darul Uloom Deoband News: भारत में कथित इस्लामिक शिक्षा के केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने गजवा ए हिन्द को मान्यता देने वाला फतवा जारी किया है. दारुल उलूम यह फतवा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. इसमें गजवा ए हिन्द को इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध बताते हुए महिमामंडित किया गया है. इसमें कहा गया है कि गज़वा ए हिन्द में मरने वाले महान बलिदानी होंगे. दारुल उलूम देवबंद के इस फतवे के पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग (NCPCR) बिफर गया है. उसने सहारनपुर के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
देवबंद की मुख्तार कंपनी ने छापी 'भड़काऊ' किताब
देवबंद की मुख्तार कंपनी की ओर से प्रकाशित सुन्न अल नसा नाम की किताब का जिक्र करते हुए दारुल उलूम देवबंद ने अपना फतवा जारी किया है. इस किताब में में गजवा ए हिन्द को लेकर एक पूरा चैप्टर है. जिसके मुताबिक हजरत अबू हुरैराह ने हदीथ के बारे में बताते हुए कहा है, अल्लाह के मैसेंजर ने ‘भारत पर हमला’ करने का वादा किया था. अगर मैं जिंदा रहा तो इसके लिए मैं खुद और अपनी धन सम्पदा को कुर्बान कर दूंगा. मैं सबसे महान बलिदानी बनूंगा.'
'देश में इस्लामिक कट्टरपंथ को मिल रहा बढ़ावा'
NCPCR ने सहारनपुर जिले के डीएम और एसपी को एक नोटिस जारी करके इस मामले में FIR दर्ज करने को कहा है. आयोग ने कहा है कि दारुल उलूम देवबंद मदरसे में बच्चों को भारत विरोधी शिक्षाएं दे रहा है. इससे इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा मिल रहा है. आयोग ने इस फतवे को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 का उल्लंघन करार दिया है. NCPCR ने सीपीसीआर अधिनियम की धारा 13 (1) टीजे) के तहत मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि इस तरह के फतवे की सामग्री से देश के खिलाफ नफरत फैल सकती है.
'देश की जनता को किया जा रहा गुमराह'
आयोग ने जिला प्रशासन से दारुल उलूम की बेवसाइट की जांच करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि इसके जरिए देश की जनता को गुमराह किया गया है. लिहाजा इस वेबसाइट की जांच कर तुरंत ब्लॉक किया जाए. इसके साथ ही NCPCR ने चेताया है कि जल्द ही इसको लेकर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो खुद जिला प्रशासन भी समान रूप से इसके लिए जिम्मेदार होगा.
'भारत पर हमले के लिए उकसाने की कोशिश'
NCPCR के मुताबिक दारुल उलूम देवबंद में बच्चों को ये पढ़ाया जा रहा है कि किस तरह से ‘गजवा ए हिन्द’ किया जाए. जो भी गजवा ए हिन्द के लिए अपनी जान देगा वो सर्वोच्च बिलदानी कहा जाएगा. ये संस्था पूरे दक्षिण एशिया में मदरसों को संचालित करती है. इस तरह से बच्चों को भारत पर हमले के लिए उकसाना बहुत ही खतरनाक है. इस मामले में हमने जिला प्रशासन से देश द्रोह की धाराओं के तहत केस दर्ज करने को कहा है.
'कार्रवाई के लिए अधिकारियों को दिए गए निर्देश'
इस मुद्दे पर बात करते हुए सहारनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि एनसीपीसीआर से निर्देश मिले हैं. इस संबंध में देवबंद के सीओ- एसडीएम को कार्रवाई करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्हें मामले की जांच कर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. एनसीपीसीआर ने माना है कि यह बच्चों के लिए उनके विकास के लिए सही नहीं है.