Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख सही या गलत? जानें Russia और QUAD का जवाब
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Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख सही या गलत? जानें Russia और QUAD का जवाब

Russia Ukraine War Latest Update: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में भारत के रुख को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. आइये आपको बताते हैं युद्ध को लेकर भारत के रुख के बारे में रूस और 'क्वाड' देशों का क्या कहना है.

Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख सही या गलत? जानें Russia और QUAD का जवाब

Russia-Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को रोकने के लिए तमाम देशों ने आवाज उठाई है. इसमें भारत ने भी युद्ध को बातचीत के जरिये खत्म करने की दलील दी थी. लेकिन भारत ने कभी रूस का विरोध नहीं किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर यूक्रेन में जारी संघर्ष को खत्म करने की अपील की है. ये बातें ऑस्ट्रेलिया ने 'क्वाड' देशों की बैठक से पहले कही है. ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के रुख को 'क्वाड' देशों ने स्वीकार किया है. चार देशों के समूह 'क्वाड' में भारत, ऑस्‍ट्रेल‍िया, अमेर‍िका और जापान शाम‍िल हैं.

  1. रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख की चर्चा
  2. 'क्वाड' देशों ने भारत के रुख को स्वीकारा
  3. भारत के स्टैंड की रूस भी कर चुका है सराहना

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख सही या गलत?

भारत में आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ये बयान आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और पीएम मोदी की सोमवार को होने वाली डिजिटल शिखर बैठक से पहले दिया. बता दें कि यूक्रेन में जारी रूसी हमलों पर भारत के रुख और इसके (भारत के) द्वारा रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल खरीदने पर पश्चिमी देशों में बेचैनी बढ़ने के बारे में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त से सवाल किया गया था. उन्होंने कहा, ‘क्वाड देशों ने भारत के रुख को स्वीकार किया है. हम समझते हैं कि हर देश का एक द्विपक्षीय संबंध है और यह विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री मोदी की खुद की इन टिप्पणियों से स्पष्ट है कि उन्होंने संकट को खत्म करने की अपील करने के लिए अपने संपर्कों का उपयोग किया है.’

'नेहरू की नीति से प्रेरित भारत का रुख'

इससे अलग कूटनीतिक सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन में रूसी हमलों पर भारत का रुख 1957 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनाई गई उस नीति से प्रेरित नजर आता है, जिसके मुताबिक भारत निंदा करने का काम नहीं करता है. यह टकराव के समाधान की गुंजाइश बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है.

भारत पर किसी ने आरोप नहीं लगाया

एक सूत्र ने कहा, ‘यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है उसका समर्थन करने का भारत पर किसी ने आरोप नहीं लगाया है. भारत जो कुछ करने की कोशिश करता नजर आ रहा है वह 65 साल पहले नेहरू की ओर से तैयार की गई नीति के अंतर्गत ही है.’

भारत ने प‍श्‍चिमी देशों के सुर में सुर नहीं म‍िलाया

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत ने प‍श्‍चिमी देशों के सुर में सुर नहीं म‍िलाया. इसके बजाय उसने पूरे मामले में तटस्‍थ यानी न्‍यूट्रल रुख रखा. रूस भी भारत के स्‍टैंड की सराहना कर चुका है. क्‍वाड समूह के भी भारत के स्‍टैंड को स्‍वीकार लेने के बाद साफ हो गया है क‍ि इस मोर्चे पर उसने बड़ी कूटनीत‍िक जीत हास‍िल की है. उसने दोनों ही पक्षों में संतुलन बनाया है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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