श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में एडवोकेट विजय सिंह झोरड की आत्महत्या के मामले को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
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Anupgarh News : राजस्थान के श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ के घड़साना में नशे के खिलाफ मुहिम चलाने वाले एडवोकेट विजय सिंह झोरड की आत्महत्या के मामले में लोगों में गुस्सा है. वही आज बार संघ अध्यक्ष लक्ष्मण चौहान के नेतृत्व में तहसीलदार के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.
ज्ञापन में बताया गया है कि पूर्व में इस मामले में जिला प्रशासन ने एसओजी से जांच करवाने की सहमति की थी. आत्महत्या मामले में मिले सुसाइड नोट में पुलिस के बड़े अधिकारियों के नाम शामिल होने से पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई और जिला प्रशासन एसओजी से जांच करवाने की बजाय पूरे प्रकरण की जांच सीआईडी से करवा रहा है. जिसका बार संघ और घड़साना के गणमान्य नागरिकों ने विरोध किया.
क्या है पूरा मामला
श्रीगंगानगर के घड़साना में पुलिस प्रताड़ना से तंग होकर एक प्रतिष्ठित वकील ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके विरोध में घड़साना के सभी राजनीतिक दलों ने भारतमाता चौक पर विशाल धरना प्रदर्शन किया. जहां परिवार के सदस्य को नौकरी और एक करोड़ रुपए की मांग रखी और पूरे प्रकरण में दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग को प्रमुखता से रखा भारी भीड़ के चलते और जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक ने बार संघ पदाधिकारियों से वार्ता कर समझौता किया.
समझौते में तीस लाख का मुआवजा और पूरे प्रकरण की जांच एसओजी से कराने पर सहमति बनी थी. फिर विजय सिह झोरड आत्महत्या मामले के 45 दिन बाद दीपावली की सफाई करते वक्त उनकी फाइल में सुसाइड नोट मिलने से पूरे हत्या प्रकरण का रुख बदल गया, उक्त सुसाइड नोट को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे पुलिस तफ्तीश फाइल में शामिल करने के निर्देश जारी किए थे.
इस सुसाइड नोट में विजय सिंह झोरड ने उन तमाम लोगों के नाम लिखे थे, जो उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, जिनमें पुलिस के डीवाईएसपी जयदेव सिहाग ,एडीएसपी जय सिह तंवर का भी नाम सामने आया है,वही आज बार संघ अध्यक्ष लक्ष्मण चौहान के नेतृत्व में तहसीलदार के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा, जिसमें बार संघ घड़साना एवं मंडी के वरिष्ठ नागरिकों ने कहा गया कि उक्त प्रकरण में दोषी पुलिस के बड़े अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पूरे मामले की जांच एसओजी से करवाई जानी थी लेकिन बड़े अधिकारियों के नाम सामने आते ही पुलिस ने जयपुर से सीआईडी की विशेष टीम को बुलाकर जांच करवाना शुरू कर दिया.
सीआईडी की विशेष टीम का नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक दीप्ति जोशी कर रही है. जांच अधिकारी जोशी ने वकील आत्महत्या प्रकरण की जांच के लिए मौका मुआयना भी किया और उनके परिवार से बयान लेने के प्रयास किए. परंतु परिवार ने सीआईडी की जांच को नकारते हुए बयान देने से मना कर दिया.
वहीं दूसरी तरफ बार संघ ने सीआईडी से जांच करवाने का विरोध किया और कहा कि जिला प्रशासन से जो समझौता हुआ था, जिला प्रशासन अब उस बात से बदलते हुए आनन-फानन में सीआईडी से जांच करवा कर उक्त अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है.
ज्ञापन देते समय ये लोग रहे मौजूद
घड़साना बार संघ अध्यक्ष लक्ष्मण चौहान,घडसाना बार संघ सचिव दवेंद्र बराड़,एडवोकेट मनफूल जाखड़,मूलसिंह शेखावत,नियाज अहमद भाटी,सतवीर जाखड़,परमजीत सिंह,जयदीप बिश्नोई,इंद्राज कस्वा,विकास सारस्वत, चरनजीत चंदी,अनुप्रित स्वामी,इंद्राज कस्वा,विकास सारस्वत, चरनजीत चंदी,पवन क़ुब्बा समेत अन्य लोग रहे मौजूद.
रिपोर्टर- कुलदीप गोयल
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