Anupgarh News : यूरिया की किल्लत से किसान परेशान, लंबी लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1388254

Anupgarh News : यूरिया की किल्लत से किसान परेशान, लंबी लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ

कृषि विभाग के सहायक निदेशक रामनिवास चौधरी ने किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके का प्रयोग करने की सलाह दी है. 

Anupgarh News : यूरिया की किल्लत से किसान परेशान, लंबी लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ

Anupgarh News : श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ की नई धान मंडी में आज एक बार फिर किसान यूरिया और डीएपी की खाद लेने के लिए लंबी कतार में लगी. पुलिस प्रशासन की देखरेख में यूरिया और डीएपी खाद के टोकनों का वितरण किया जा रहा है. इन दिनों किसान को खेत में यूरिया और डीएपी खाद की बहुत जरूरत है लेकिन पर्याप्त मात्रा में डीएपी और यूरिया खाद नहीं मिलने के कारण किसानों को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है.

किसानों को हर रोज यूरिया और डीएपी खाद लेने के लिए लंबी कतार में लगना पड़ता है जिससे उसके खेत का कार्य भी प्रभावित होता है. अनूपगढ़ के व्यापार मंडल में कृषि विभाग की ओर से यूरिया और डीएपी खाद को सुव्यवस्थित तरीके से वितरित करने के लिए टोकन का वितरण किया जा रहा है.

कृषि विभाग के सहायक निदेशक रामनिवास चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज अनूपगढ़ में यूरिया के 2750 थैले और डीएपी खाद के 2600 उपलब्ध हुए हैं. यूरिया और डीएपी खाद का सही तरीके से वितरण करने के लिए किसान को टोकन दिए जा रहे हैं. किसान को एक टोकन पर यूरिया और डीएपी खाद के दो-दो थैले उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

आखिर हमारा कसूर क्या है
यूरिया और डीएपी खाद लेने के लिए लंबी कतार में लगे किसानों ने मीडिया के सामने अपना दुख प्रकट किया. किसानों ने कहा कि इन दिनों किसानों को यूरिया और डीएपी खाद की अत्यंत आवश्यकता है, मगर किसान को यूरिया और डीएपी लेने के लिए घंटो लाइन में लगना पड़ता है, फिर भी पर्याप्त मात्रा में डीएपी और यूरिया खाद उपलब्ध नहीं हो रही है. किसानों ने कहा कि किसानों की सुनने वाला यहां कोई भी नहीं है आखिर किसानों का कसूर क्या है जो उन्हें खाद के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

डीएपी के जगह एनपीके का प्रयोग करने की दी सलाह
कृषि विभाग के सहायक निदेशक रामनिवास चौधरी ने किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके का प्रयोग करने की सलाह दी है. सहायक निदेशक रामनिवास चौधरी ने बताया कि एनपीके डीएपी की अपेक्षा अधिक लाभदायक है, इसलिए किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके खाद का प्रयोग करना चाहिए. एनपीके खाद बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.

 

ये भी पढ़ें : Sikar news : सिलाई मशीन देने के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को बीजेपी कार्यक्रम में शामिल करने का आरोप, खूब चली कुर्सियां

Trending news