टीचर के ट्रांसफर से बिफरे स्टूडेंट्स, किया विरोध प्रदर्शन, नाम काटने की दी धमकी
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टीचर के ट्रांसफर से बिफरे स्टूडेंट्स, किया विरोध प्रदर्शन, नाम काटने की दी धमकी

 प्रतापगढ़ जिले में राजकीय सरकारी स्कूल में टीचर के ट्रांसफर का मामला गर्माता जा रहा है. मामला  हतुनिया के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल का है जहां कुछ समय पहले शिक्षक प्रेम पाराशर का ट्रांसफर किया गया था.  जिसका शांतिपूर्ण तरीके विरोध प्रदर्शन स्कूल के स्टूडे्ेंटस लगातार कर रहे थे.

टीचर के ट्रांसफर से बिफरे स्टूडेंट्स, किया विरोध प्रदर्शन, नाम काटने की दी धमकी

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले में राजकीय सरकारी स्कूल में टीचर के ट्रांसफर का मामला गर्माता जा रहा है. मामला  हतुनिया के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल का है जहां कुछ समय पहले शिक्षक प्रेम पाराशर का ट्रांसफर किया गया था.  जिसका शांतिपूर्ण तरीके विरोध प्रदर्शन स्कूल के स्टूडे्ेंटस लगातार कर रहे थे.

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वहीं दूसरी तरफ इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुचलने और दबाने के लिए पुलिस ने विद्यार्थी और उनके परिजनों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया.  पुलिस ने स्कूली छात्रों के साथ मारपीट की. विद्यार्थियों के आरोप के अनुसार हतुनिया पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ मारपीट की. इसके बाद उन्हें धमकाया. साथ ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों के घर जाकर भी उनके परिजनों को भी डराया, धमकाया.

स्कूल प्रशासन पर भी आरोप है कि उन्होंने जबरन 11वीं की छात्रा सहित अन्य बच्चों से प्रदर्शन नहीं करने को लेकर हस्ताक्षर भी करवाए.साथ ही ऐसा नहीं करने पर जबरन टीसी देने और अन्य किसी भी विद्यालय में प्रवेश नहीं होने देने की धमकी दी. बच्चे और उनके परिजन इतने डरे हुए थे.
 नौवीं की एक छात्रा सहित बच्चों और परिजनों ने अपनी पूरी पीड़ा बताई. ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिर बाल अधिकार संरक्षण आयोग इस पर क्या कदम उठाएगा. बच्चे स्कूल में अच्छी शिक्षा को लेकर अपने हक की लड़ाई कर रहे थे. जिस शिक्षक का ट्रांसफर किया गया है वह एक नहीं बल्कि 3 सब्जेक्ट पढ़ाते है. और पढ़ाई के साथ बच्चों को सह शैक्षणिक गतिविधियों में भी आगे बढ़ाते हैं. ऐसे में बलपूर्वक उनके विरोध को कुचलना कहां तक सही है. पूरे मामले में हतुनिया थाने के एएसआई भंवरलाल ने बताया कि थाना अधिकारी मधु कुंवर शनिवार को छुट्टी पर थी. बच्चों के विरोध प्रदर्शन की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची. कुछ बच्चों ने हमें कहा हमें अंदर जाना है. तो हमने बाहर प्रदर्शन कर रहे बच्चों को समझा कर उन्हें अंदर भेजा. मारपीट के आरोप बेबुनियाद है.

Reporter: Vivek upadhyay

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