Ayodhya Ram Temple ceremony : देवनगरी देवगढ़ में विराजमान हैं, मूछों वाले राम अपने तीनों भाइयों के साथ
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Ayodhya Ram Temple ceremony : देवनगरी देवगढ़ में विराजमान हैं, मूछों वाले राम अपने तीनों भाइयों के साथ

Ram Temple Devgarh ceremony : प्रतापगढ़ शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित देवगढ़ के मंदिर में विराजमान हैं  ''मूछों वाले राम अपने तीनों भाइयों के साथ '' देवगढ़ में कई ऐसे मंदिर जहां की प्राचीन कलाकृतियां लोगों का मन लुभा रही है. इस दिन इस मंदिर में भी पूजा-पाठ होंगे और शोभायात्राएं निकाली जाएगी. 

Ayodhya Ram Temple ceremony : देवनगरी देवगढ़ में विराजमान हैं, मूछों वाले राम अपने तीनों भाइयों के साथ

Ayodhya Ram Temple ceremony : अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर देशभर के विभिन्न राम मंदिरों पर कहीं आयोजन किए जा रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. मंदिरों में पूजा-पाठ होंगे और शोभायात्राएं भी निकाली जाएगी. 

अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर विशेष, देवों की नगरी देवगढ़ में विराजमान हैं  ''मूछों वाले राम अपने तीनों भाइयों के साथ '' देवगढ़ में कई ऐसे मंदिर जहां की प्राचीन कलाकृतियां लोगों का मन लुभा रही है.

भगवान राम जी के साथ भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न

आज इस खास दिन को लेकर भगवान राम जी के साथ भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की खास मूर्ति से रूबरू करवाने जा रहे हैं. आपने देशभर के मंदिरों में और तस्वीरों में श्री राम-लक्ष्मण को हमेशा बिना दाढ़ी-मूछों में देखा होगा, लेकिन राजस्थान के प्रतापगढ़ के देवगढ़ में भगवान श्री राम अपने तीनों भाइयों के साथ ऐसी मूर्ति है जिसमें उनके मुछे हैं.

देवगढ़ में भगवान श्री राम अपने तीनों भाइयों के साथ विराजमान

कहते हैं कि जिन्ह के रही भावना जैसी, प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी... रामायण की इस चौपाई का अर्थ है, जिनकी जैसी भावना थी, प्रभु की मूर्ति उन्होंने वैसी ही देखी.

संस्कृति और लोककला को दर्शाते प्रतापगढ़ शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित देवगढ़ के मंदिरों में अनोखी कलाकृति देखने को मिलती है. प्राचीन शहर और कभी प्रतापगढ़ रियासत की राजधानी रहे देवगढ़ में कई ऐसे मंदिर हैं. जहां विराजित पुरातात्विक प्रतिमा और कलाकृति देखते ही लुभा लेती हैं. यही वजह है कि देवगढ़ नगरी को देवताओं की नगरी भी कहा जाता है.

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देवताओं की नगरी में स्थित मंदिरों में बेशकीमती मूर्तियां विराजित हैं. लेकिन पुरातात्विक विभाग की लापरवाहियों के कारण यह नगरी दिनों-दिन उजाड़ होती जा रही हैं. हां बने प्राचीन मंदिर रख-रखाव के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. यहां के कई मंदिरों से तो सुरक्षा के अभाव में मूर्तियां तक गायब हो चुकी हैं. बता दें कि देवगढ़ में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 52 मंदिर बने हुए हैं. 

इन मंदिरों में बनी कलाकृति यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है, लेकिन पर्यटन के बेहतर इंतजाम नहीं होने के कारण अब यहां पर्यटक भी कम ही आते हैं. मंदिर के पुजारियों ने भी देवस्थान विभाग को कई बार मंदिरों की सुरक्षा के लिए लिखा, लेकिन विभाग की ओर से भी मंदिरों की सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं किए गए.

देवगढ़ में बने अनोखे मंदिरों की वजह से प्रतापगढ़ में देवगढ़ एक अलग पहचान रखता है. देवगढ़ में स्थित राम मंदिर एक ऐसा अनूठा मंदिर है. जहां भगवान राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के साथ विराजित है. खास बात यह है कि यहां दाढ़ी मूंछों वाली प्रतिमा विराजित है. देवस्थान विभाग के अधीन इस मंदिर में माता सीता के साथ दाढ़ी मूछों वाले राम की प्रतिमा विराजित हैं.

कहा जाता है कि काले पत्थर से बनी भगवान राम की यह प्राचीन प्रतिमा दुर्लभ और बेशकीमती है. बता दें कि सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर में विराजित प्रतिमा भी काफी पुरानी है. मंदिर में सुरक्षा के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं होने के कारण पुरातात्विक और अति प्राचीन मंदिर खतरे में है.

भगवान विष्णु के अवतारों की कलाकृति देवगढ़ में भगवान राम के मंदिर से कुछ दूरी पर भगवान केशवरायजी का भी अतिप्राचीन और दुर्लभ मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण की प्राचीन और काले पत्थर से बनी अति दुर्लभ प्रतिमा विराजित है.

बताया जाता है कि यह प्रतिमा अति प्राचीन और सैकड़ों साल पुरानी है. मूर्ति के साथ-साथ मंदिर की जो नक्काशी है. वह भी अति प्राचीन है. इस मंदिर में भगवान कृष्ण के गोपियों के साथ रास के अलावा भगवान विष्णु के 10 अवतारों की भी मंदिर की दीवारों पर कलाकृति बनाई हुई है.

देवस्थान विभाग प्रशासन की लापरवाही इतनी है कि पूरे देश भर में सभी राम मंदिरों पर कहीं आयोजन किया जा रहे है लेकिन जिले में एक अनूठे राम मंदिर होने के बाद भी प्रशासन का ध्यान इस और नहीं है.

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