लंपी वायरस पर छलका निश्चलानंद सरस्वती का दर्द, 'गाय नहीं बची तो सबकुछ नष्ट हो जाएगा'
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1358195

लंपी वायरस पर छलका निश्चलानंद सरस्वती का दर्द, 'गाय नहीं बची तो सबकुछ नष्ट हो जाएगा'

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हम कहते हैं कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है. यदि सरकार इसे हिन्दू राष्ट्र घोषित करती है तो आस पास के 15 देश अपने आपको हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देंगे. वे केवल भारत के रुख की प्रतीक्षा कर रहे हैं. 

लंपी वायरस पर छलका निश्चलानंद सरस्वती का दर्द, 'गाय नहीं बची तो सबकुछ नष्ट हो जाएगा'

Nagaur: गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती दो दिवसीय नागौर के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने हिंदू धर्म सभा को भी संबोधित किया. इस दौरान गाजे बाजे के साथ शहरवासियों ने निश्चलानंद सरस्वती जी का जोरदार स्वागत किया. 

वहीं, शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हम कहते हैं कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है. यदि सरकार इसे हिन्दू राष्ट्र घोषित करती है तो आस पास के 15 देश अपने आपको हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देंगे. वे केवल भारत के रुख की प्रतीक्षा कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें- नसीराबाद: भूखंड का कूटरचित पट्टा दस्तावेज तैयार करने के आरोपी बेटे को भी मिली जेल

 

दो दिवसीय नागौर प्रवास पर आए शंकराचार्य महाराज ने ये बात डीडवाना रोड स्थित माली समाज भवन में प्रेस वार्ता के दौरान कही. एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज ने कहा कि मॉरिशस, नेपाल सहित 15 देश अपने आपको हिन्दू राष्ट्र ही मानते हैं. यदि हमारी सरकार देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करती है तो वे सभी 15 देश हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जाएंगे. वे केवल भारत के रुख की प्रतीक्षा कर रहे हैं. ज्ञानवापी प्रकरण में उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि ज्ञानवापी तो मंदिर ही है. काशी की क्या बात करते हो हम तो मक्का पहुंच गए हैं. मक्का में भी मकेश्वर महादेव का मंदिर है. 

लंपी वायरस पर कही यह बात
लंपी वायरस से जुडे एक सवाल पर उन्होंने इसे एक षडयंत्र बताया तथा कहा कि गोवंश की हत्या पूरी धरती पर संस्कृति की हत्या है क्योंकि गाय और पीपल जितना हमें देते हैं, कोई दूसरा नहीं दे सकता. गाय के दूध से ही सभी तरह के उत्पाद बनते हैं तो पीपल हमें ऑक्सीजन देता है, इसलिए इन दोनों का सरंक्षण जरूरी है. सरकार को तत्काल गाय और पीपल को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. गौर रक्षा तो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. गाय बचेगी तो ही संस्कृति बचेगी अन्यथा सब कुछ नष्ट हो जाएगा.

दिल्ली में पढ़ा हूं मगर संस्कृति को हमेशा बढ़ावा दिया
जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि वे खुद दिल्ली पढ़े हुए हैं. उन्होंने कभी विदेशी संस्कृति को अपने पर हावी नहीं होने दिया. कोई भी बच्चा मां के पेट में नहीं सीखता बल्कि वह इस संसार में आकर ही सब कुछ सीखता है. उसकी जैसी संगत होती है वैसा वो ग्रहण करता है. हमें भारतीय संस्कृति पर गर्व होना चाहिए. युवाओं को इस आशय की शिक्षा देने की आवश्यकता है. वहीं भारतीय संस्कृति को हर युवा को अपनाना चाहिए ताकि भारत हिन्दू राष्ट्र बने.

गंगा को मिला सिर्फ दर्जा, हालात जस के तस
गंगा नदी के मामले में शंकराचार्य ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में जनभावना को देखते हुए गंगा नदी को राष्ट्र नदी का दर्जा तो दे दिया, लेकिन उसके विकास के लिए तत्कालीन सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए. इसलिए गंगा की हालत जस की तस है. अब वर्तमान सरकार को चाहिए वे गंगा परियोजना को आगे बढ़ाए और इस दिशा में ठोस काम करें. शंकराचार्य ने गाय और पीपल की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि ये दोनों मानव जीवन और संस्कृति के लिए जरुरी है.

वैदिक गणित ही आधुनिक विज्ञान की नींव
वहीं शंकराचार्य निश्चलानंद महाराज ने कहा कि वैदिक गणित ही आधुनिक विज्ञान की नींव है. उन्होंने बताया कि वैदिक गणित पर वे 22 ग्रंथ लिख चुके हैं. 1457 वैदिक सूत्र बनाए हैं, जिससे सारे सवाल हल किए जा सकते हैं. शिक्षा नीति में बदलाव लाकर वैदिक गणित का समावेश करना जरूरी है क्योंकि हमारी भारतीय गणना वैदिक संस्कृति और वैदिक गात पर ही आधारित है, इसलिए इसे नई शिक्षा नीति में शामिल करना चाहिए. ऐसे प्रयास चल भी रहे हैं.

Reporter- Damodar Inaniya

नागौर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.

 

Trending news