Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट (Dausa Lok Sabha seat) कांग्रेस और बीजेपी, दोनों के लिए अहम रही है. लेकिन इस सीट को पायलट के दबदबे वाली सीट कहा जाता है. ऐसे में सवाल ये उठता है, कि क्या सचिन पायलट दौसा में बीजेपी का विजयरथ रोक पाएंगे?
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Lok Sabha Election 2024 : पूर्वी राजस्थान में दौसा लोकसभा सीट को बहुत अहम माना जाता है. जानकारों का मानना है, कि यह सीट कांग्रेस और बीजेपी, दोनों में लिए बहुत महत्व रखती है. जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) जनदीक आ रहे हैं, काई उम्मीदवारों के नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. .
बताया जा रहा, कि दौसा सीट को लेकर दोनों पार्टियों के करीब 10 से ज्यादा नेता कतार में हैं. लेकिन जानकारों का मानना है, कि इस कांग्रेस से सीट पर सचिन पायलट के नजदीकी को टिकट मिल सकता है. वहीं, भारतीय जनाता पार्टी की ओर से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया जा सकता है.
प्रत्याशियों में खींचतान शुरू
राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट को लेकर दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों में खींचतान का दौर शुरू हो गया है. दौसा सांसद जसकौर मीणा (Jaskaur Meena) और किरोड़ी लाल मीणा (Kirori Lal Meena) के बीच की रार किसी से छिपी नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों ने जसकौर का कड़ा विरोध किया था. जानकारों का मानना है, कि इस बार भी किरोड़ी लाल के समर्थक जसकौर मीणा के खिलाफ खड़े हो सकते हैं. ST के लिए रिजर्व दौसा की लोकसभा सीट में कांग्रेस और बीजेपी मीणा समुदाय को टिकट देती रही हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है, कि यह सीट परंपरागत तौर पर कांग्रेस का गढ़ कही जाती है, लेकिन, पिछले दो लोकसभा चुनावों कांग्रेस को बीजेपी से हार झेलनी पड़ी है.
दौसा से राजेश पायलट पांच बार सांसद बने थे
दौसा की सीट से राजेश पायलट पांच बार सांसद रहे थे. वो इस सीट से किरोड़ी लाल को भी चुनाव हरा चुके थे. बता दें, कि सचिन पायलट और उनकी मां रमा पायलट भी दौसा लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं. यही कारण है, कि राजनीतिक विश्लेषकों का मामना है, कि कांग्रेस का टिकट उसी को मिलेगा, जिसे सचिन पायलट चाहेंगे. जानकारी के अनुसार, पिछले चुनाव में कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी को टिकट दिया गया था. माना यही जा रहा है, कि इस बार मुरारी लाल को टिकट मिल सकता है. वहीं, सियासी जानकारों का मानना है, कि इस बार भारतीय जनता पार्टी निवर्तमान सांसद जसकौर मीणा को टिकट देने के मूड में नहीं है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर उनकी खिलाफत हो रही है. वहीं, किरोड़ी अपने भाई जगमोहन मीणा के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं, जिसे बीजेपी शायद नजरअंदाज ना कर सके.